दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर राष्ट्रीय राजधानी में सभी निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं का पंजीकरण करना और नियमित धूल नियंत्रण ऑडिट अपलोड करना होगा। पोर्टल को ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन एवं दूरस्थ निगरानी के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। बता दें दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के रोकथाम के लिए ग्रैप का पहला चरण लागू है।
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- निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं का पंजीकरण करना अनिवार्य
- वहीं इस पोर्टल पर नियमित धूल नियंत्रण ऑडिट अपलोड करना होगा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने गुरुवार को धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन पोर्टल लॉन्च किया। इस पर राष्ट्रीय राजधानी में सभी निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं का पंजीकरण करना और नियमित धूल नियंत्रण ऑडिट अपलोड करना होगा।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप, डीपीसीसी ने आदेश दिया है कि 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड क्षेत्र पर कब्जा करने वाली सभी निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) परियोजनाओं को इस वेब पोर्टल पर पर पंजीकृत होना चाहिए। पोर्टल को ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन एवं दूरस्थ निगरानी के लिए भी डिजाइन किया गया है।
पोर्टल पर परियोजनाओं को तुरंत पंजीकृत करने को कहा गया
डीपीसीसी के मुताबिक बिल्डरों, ठेकेदारों, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों में शामिल अन्य हितधारकों से दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पोर्टल पर अपनी परियोजनाओं को तुरंत पंजीकृत करने काे कहा गया है। एक बार निर्माण पूरा होने के बाद, पंजीकृत साइटों को पोर्टल पर पूर्ण के रूप में चिह्नित किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजना की अवधि के दौरान धूल नियंत्रण के प्रयास बनाए रखे जा सके।
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पैमाने के अनुसार एंटी-स्मॉग गन तैनात करनी होगी
डीपीसीसी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य वायु-गुणवत्ता पर निर्माण गतिविधियों के प्रभावों पर एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने के लिए प्रदूषण के स्तर की निरंतर ट्रैकिंग को सक्षम करना है। सीएक्यूएम ने यह भी निर्धारित किया है कि परियोजनाओं को निर्माण के पैमाने के अनुसार एंटी-स्मॉग गन तैनात करनी होगी।
डीपीसीसी ने चेतावनी भी दी है कि दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क और निर्माण गतिविधियों को संभावित रूप से रोकने सहित सख्त दंड लगाया जाएगा। बता दें, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण एक को लागू किया गया है।
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दिल्ली सरकार ने बुलाई आपात बैठक
वहीं, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को आनंद विहार में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सभी संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी के 13 हॉटस्पॉट पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मंत्री के कार्यालय ने बताया कि गोपाल राय ने 13 हॉटस्पॉट पर विशेष अभियान चलाने के लिए कल दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों की एक आपात बैठक भी बुलाई है।