Best FD Rates: अगर आप 3 साल की एफडी में पैसे लगाकर बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो यहां 30 से अधिक बैंकों की लिस्ट दी गई है. लिस्ट में सरकारी, प्राइवेट और स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं.
Highest Interest Rates on 3 Year FD: फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) रखने वालों के लिए, यह उच्च ब्याज दरों को लॉक करने का सही समय है. कई बैंकों ने तीन साल की अवधि के लिए ब्याज दरें 7% से 9% तक की पेशकश की है. इनमें से, नॉर्थईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक 9% की सबसे उच्च दर दे रहा है, इसके बाद सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 8.6% और उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक 8.5% पर हैं.
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निजी क्षेत्र में, DCB बैंक 7.55% के साथ सबसे आगे है, इसके बाद RBL बैंक 7.5% और SBM बैंक इंडिया 7.3% पर हैं. सार्वजनिक क्षेत्र में, बैंक ऑफ बड़ौदा 7.15% की पेशकश कर रहा है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक इसके करीब 7% पर है. यहां सरकारी, प्राइवेट, स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरें दी गई हैं.
बैंक का नाम | 3 साल की एफडी पर ब्याज दर |
स्मॉल फाइनेंस बैंक | |
AU Small Finance Bank | 7.50 |
Equitas Small Finance Bank | 8.00 |
ESAF Small Finance Bank | 6.75 |
Jana Small Finance Bank | 8.25 |
NorthEast Small Finance Bank | 9.00 |
Suryoday Small Finance Bank | 8.60 |
Ujjivan Small Finance Bank | 7.20 |
Unity Small Finance Bank | 8.15 |
Utkarsh Small Finance Bank | 8.50 |
प्राइवेट बैंक | |
Axis Bank | 7.10 |
Bandhan Bank | 7.25 |
City Union Bank | 6.50 |
CSB Bank | 5.75 |
DBS Bank | 6.50 |
DCB Bank | 7.55 |
Federal Bank | 7.00 |
HDFC Bank | 7.00 |
ICICI Bank | 7.00 |
IDFC First Bank | 6.80 |
IndusInd Bank | 7.25 |
Jammu & Kashmir Bank | 6.75 |
Karur Vysya Bank | 7.00 |
Karnataka Bank | 6.50 |
Kotak Mahindra Bank | 7.00 |
RBL Bank | 7.50 |
SBM Bank India | 7.30 |
South Indian Bank | 6.70 |
Tamilnad Mercantile Bank | 6.50 |
YES Bank | 7.25 |
सरकारी बैंक | |
Bank of Baroda | 7.15 |
Bank of India | 6.50 |
Bank of Maharashtra | 6.50 |
Canara Bank | 6.80 |
Central Bank of India | 6.75 |
Indian Bank | 6.25 |
Indian Overseas Bank | 6.50 |
Punjab National Bank | 7.00 |
Punjab & Sind Bank | 6.00 |
State Bank of India | 6.75 |
Union Bank of India | 6.70 |
Source: Paisabazaar.com | |
Interest rates as of 16th October 2024 |
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FD कराने का क्यों है सही समय?
दो साल पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दर बढ़ाना शुरू किया, क्योंकि वैश्विक प्रवृत्तियों के अनुसार केंद्रीय बैंक महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दरें बढ़ा रहे थे. इस महीने 9 अक्टूबर को आरबीआई ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की समीक्षा बैठक के बाद लगातार दसवीं बार रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला लिया. लंबे समय तक हाई रेपो रेट के चलते फिक्स्ड डिपॉजिट पर बेहतर रिटर्न मिल रहे हैं. हालांकि आने वाले महीनों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर हाई रिटर्न लंबे समय तक नहीं बनी रहने की संभावना है. दरअसल बैकों ने उच्च रेपो दर के कारण प्रतिस्पर्धात्मक दरें पेश की हैं, लेकिन जैसे-जैसे महंगाई स्थिर होती है और RBI दरों में कटौती पर विचार करता है, ये FD दरें गिरना शुरू हो सकती हैं. इसलिए फिलहाल हाई फिक्स्ड डिपॉजिट रेट को लॉक करने और अपने रिटर्न को सुरक्षित करने का सही समय है.
एफडी रिटर्न पर कैसे लगता है टैक्स
फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स उस ब्याज पर आधारित होता है जो निवेशक ने कमाया है, न कि मूल राशि पर. ब्याज निवेशक की कुल कमाई में जोड़ा जाता है और आयकर स्लैब के हिसाब से लोगों पर टैक्स नियम लागू होता है. अगर ब्याज वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये (अन्य लोगों के लिए 40,000 रुपये) से अधिक हो जाता है, तो बैंक 10% TDS काटता है PAN कार्ड न देने पर बैंक 20% TDS काटते हैं. उदाहरण के लिए दिल्ली के रहने वाले 40 साल से रोहन की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ब्याज से सालाना कमाई 75,000 रुपये है.
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- कुल ब्याज कमाया: 75,000 रुपये
- TDS की सीमा: सामान्य नागरिकों के लिए 40,000 रुपये
- बैंक द्वारा काटा गया TDS: 75,000 रुपये का 10% = 7,500 रुपये
रोहन का कुल ब्याज 75,000 रुपये उसकी टैक्स योग्य आय में जोड़ा जाएगा और उनके स्लैब के हिसाब से टैक्स नियम लागू होगा. अगर रोहन की कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है, तो उसे कोई अलग से टैक्स नहीं देना होगा. TDS कटौती से बचने के लिए, वह वित्त वर्ष की शुरुआत में फॉर्म 15G जमा कर सकते हैं, जिसमें वह अपनी कमाई को टैक्स योग्य लिमिट से नीचे बताते हैं, जिससे बैंक पहले से TDS नहीं काटेगा.