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करोड़पतियों की बढ़ती संख्या: भारत में टैक्स फाइलिंग का नया दौर

भारत में करोड़पति टैक्स फाइलर्स की संख्या 10 वर्षों में 5 गुना बढ़कर 2,30,000 हुई. कुल टैक्सपेयर्स 7.5 करोड़ तक पहुंच गए, जबकि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, दिखाते हुए आर्थिक सुधार.

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भारत में करोड़पति टैक्स फाइलर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले 10 वर्षों में ये आंकड़े 5 गुना बढ़कर लगभग 2,30,000 पहुंच गए हैं. यह एक सकारात्मक संकेत है जो दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और अधिक लोग टैक्स फाइल करने के लिए आगे आ रहे हैं.

टैक्सपेयर्स की कुल संख्या में वृद्धि

हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल टैक्सपेयर्स की संख्या 3.3 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ हो गई है. इसका मतलब है कि टैक्स फाइल करने वालों की संख्या 2.2 गुना बढ़ी है. यह वृद्धि केवल उच्च आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है, बल्कि सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए भी है.

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करोड़पति टैक्सपेयर्स का दबदबा

आंकड़ों के अनुसार, 1 करोड़ रुपये से ज्यादा आय वाले टैक्सपेयर्स का हिस्सा लगभग 52% है. पिछले साल ये आंकड़ा 49% था, जबकि 2013-14 में 51% था. इससे स्पष्ट होता है कि उच्च आय वर्ग में सैलरी पर काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है.

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल

भारत में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी शानदार वृद्धि देखने को मिली है. 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स-टू-जीडीपी रेश्यो 6.64% पर पहुंच गया है. पिछले एक दशक में टैक्स कलेक्शन में 182% की वृद्धि हुई है. इस वर्ष, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है.

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कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स में वृद्धि

कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन पिछले 10 वर्षों में 9.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जबकि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन लगभग 4 गुना बढ़कर 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह दिखाता है कि लोग अधिक आय अर्जित कर रहे हैं और अपनी आय को सही तरीके से टैक्स में दिखा रहे हैं.

2014 से अब तक की तुलना

मोदी सरकार के पहले साल (2014-15) में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लगभग 6.96 लाख करोड़ रुपये था. अब यह आंकड़ा बढ़कर 19.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है. टैक्सपेयर्स की संख्या भी 5.70 करोड़ से बढ़कर 10.41 करोड़ हो गई है, जो देश की आर्थिक प्रगति को दर्शाता है.

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ये सभी आंकड़े बताते हैं कि भारत में टैक्स फाइलिंग की संस्कृति मजबूत हो रही है. करोड़पति टैक्स फाइलर्स की बढ़ती संख्या और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि, यह साबित करती है कि देश में आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं.

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