अमरकंटक-जबलपुर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए पांच सैकड़ा से अधिक पेड़ काटे जाएंगे। अमरकंटक वन विभाग ने अनुमति के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखा है।
अनूपपुर जिले से होकर गुजरने वाले अमरकंटक-जबलपुर मार्ग निर्माण के लिए अमरकंटक के जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। मार्ग निर्माण तथा चौड़ीकरण के लिए पांच सैकड़ा से अधिक पेड़ को काटा जाएगा, जिसके लिए निर्माण एजेंसी के द्वारा वन विभाग से अनुमति लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है। बताया गया कि अमरकंटक से लेकर जबलपुर तक सड़क के चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है और इसके लिए अनूपपुर जिले की सीमा में स्थित वन परिक्षेत्र अमरकंटक के अंतर्गत स्थित पेड़ों की कटाई के लिए निर्माण एजेंसी वन विभाग से अनुमति के लिए पत्राचार किया गया है।
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इस सड़क के निर्माण कार्य में वन परिक्षेत्र अमरकंटक का 2.2 किलोमीटर का हिस्सा प्रभावित होगा। सड़क पूर्व में संकीर्ण थे, जिसके चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 18 मीटर इस सड़क का चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है। वर्तमान समय में सड़क निर्माण का कार्य डिंडोरी जिले में चल रहा है तथा अनूपपुर जिले की वन सीमा पर पहुंचते ही यहां भी कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए विभाग की प्रक्रिया जारी है।
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531 पेड़ काटे जाएंगे, सबसे ज्यादा शाल के पेड़
2.2 किलोमीटर के अनूपपुर जिले के अमरकंटक वन परिक्षेत्र की सीमा में स्थित पेड़ को काटने के लिए सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसके अंतर्गत 531 पेड़ चिन्हित किए गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा शाल के पेड़ इस निर्माण कार्य से प्रभावित हैं और सबसे ज्यादा यही काटे जाएंगे, जिसके लिए वन परिक्षेत्र कार्यालय अमरकंटक से पेड़ काटने के लिए अनुमति की प्रक्रिया जारी है। वनपाल क्षेत्र अमरकंटक के द्वारा सर्वे का कार्य पूर्ण करते हुए वरिष्ठ कार्यालय को इसके लिए पत्राचार किया है।
पेड़ की कटाई को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर जताया विरोध
अमरकंटक जो कि देश का प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल है। जहां दूर-दूर से लोग अमरकंटक की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। सड़क निर्माण के लिए सैकड़ों पेड़ की कटाई की जानकारी मिलते ही स्थानीय स्तर पर इस पर विरोध भी प्रारंभ हो गया है। अमरकंटक के वनों की कटाई पर स्थानीय लोगों का आक्रोश सोशल मीडिया पर भी जारी है। लोगों का कहना है कि अमरकंटक में लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए ही आते हैं। यदि इसी तरह से वनों की कटाई होती रही तो यहां की प्राकृतिक सुंदरता नहीं बचेगी।
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विभाग ने कहा- निर्माण एजेंसी को कहीं अन्य स्थान पर लगाने होंगे इतनी ही पेड़
अमरकंटक में वनों की कटाई को लेकर के विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासकीय निर्माण कार्य होने के कारण पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति देने की कार्रवाई जारी है। निर्माण एजेंसी को पेड़ की कटाई इस शर्त पर अनुमति दी जा रही है कि उन्हें उतने ही पौधे अन्य स्थान पर रोपित करना पड़ेगा। इसके साथ ही पौधारोपण के लिए भूमि भी वन विभाग को उनके द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
सड़क निर्माण के लिए पेड़ की कटाई के लिए अनुमति दिए जाने की कार्रवाई प्रचलन में है। सर्वे का कार्य पूर्ण करते हुए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भेजा गया है। अन्य स्थान पर निर्माण एजेंसी को जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही पेड़ रोपित करना पड़ता है।
वीरेंद्र श्रीवास्तव, वन परिक्षेत्र अधिकारी अमरकंटक