Kader Khan Birth Anniversary: पर्दे पर कॉमेडी करके दर्शकों को हंसाने वाले कादर खान की निजी जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी हुई थी, जानें उनके बारे में खास बातें
Kader Khan Birth Anniversary: दिग्गज एक्टर कादर खान आज भले ही आज हमारे बीच ना हो, लेकिन उनका काम हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा. कादर और गोविंदा बॉलीवुड की वो जोड़ी थी जिसने ना जानें कितनी ही फिल्मों में जबरदस्त काम किया और लोगों को बर बार पर्दे पर हंसने औऱ रोने को मजबूर कर दिया. कादर खान ने विलेन के रोल्स भी बखूबी निभाए. कादर खान हर चीज में माहिर थे, ऐसे में आज उनकी बर्थ एनिवर्सी है और आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें.
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भूख में बीता है पूरा बचपन
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था हालांकि कुछ समय के बाद उनके पेरेंट्स उन्हें मुंबई लेकर आ गए और वहां पर वह झुग्गी झोपड़ियां में रहे इस दौरान एक्टर के परिवार की हालत बेहद खराब थी और उन्होंने उसे दौरान इतनी गरीबी देखी कि उनके सौतेले पिता उन्हें भीख मांगने तक के लिए भेज देते थे. कदर मस्जिदों में जाकर भीख मांगते थे और इस दौरान आलम यह था कि उनका पूरा परिवार सप्ताह में तीन दिन खाता और तीन से चार दिन भूखे ही रह जाता था.
कैसे कब्रिस्तान में बदली किस्मत
कादर खान को बचपन से ही नकल करने की आदत थी और वह कई बार कब्रिस्तान में जाकर दो कब्रों के बीच बैठ खुद से बातें करते और फिल्मी डायलॉग बोला करते थे. वही एक साथ दीवार की आड़ में खड़े होकर उनको देखा था वह शख्स थे अशरफ खान. अशरफ उसे समय अपने एक स्टेज ड्रामा के लिए 8 साल की लड़की की तलाश में थे और उन्होंने कदर को नाटक में काम दे दिया और यही से कादर खान की किस्मत बदल गई.
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स्क्रिप्ट राइटर और एक्टिंग की सिक्का एक साथ
कादर की मां चाहती थी की वो पढ़ाई करें, ऐसे में उन्होंनेयुसुफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. कादर मुंबई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर भी थे. हालांकि वो थिएटर से जुड़े रहे और इस दौरान उनका ड्रामा देखकर दिलीप कुमार ने उन्हें फोन किया और उन्हें एक फिल्म में रोल ऑफर कर दिया और दो फिल्मों में काम दिया. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन कादर ने ना केवल एक्टिंग की बल्कि उन्होंने एक स्क्रिप्ट राइटर के रूप में काम किया है.
लाइलाज बीमारी बन गई मौत की वजह
कादर खान जीवन के अंतिम दिनों में सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी बीमारी से जूझ रहे थे, जो कि एक लाइलाज बीमारी है. सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें 28 दिसंबर 2018 को कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वो अपने बेटे-बहू के पास इलाज कराने के लिये लिये आए थे. इसके बाद 31 दिसंबर, 2018 को कनाडा में कादर खान का निधन हो गया था.