प्रधानमंत्री पीएम मोदी आज रूस के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं. रूस के कजान शहर में ब्रिक्स का 16वां सम्मेलन हो रहा है. इस सम्मेलन में सबसे ज्यादा एशिया के 2 पावरफुल देश में की मुलाकात पर रहेगी.
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 22 अक्टूबर को 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने रूस के दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं. ऑल इंडिया रेडियो की ओर से जारी वीडियो जारी कर जानकारी दी है. साउथ एशिया में भारत के बढ़ते कद को देखते हुए पीएम मोदी का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. पीएम मोदी इस सम्मेलन के पहले दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे. लेकिन, सबकी नजरें मोदी-जीनपिंग की मुलाकात पर टिकी हुई है. ऐसा इसलिए कि इस सम्मेलन से पहले भारत और चीन में एलएसी पर गलवान पेट्रोलिंग को लेकर समझौते हुए हैं. 2020 के गलवान झड़प के बाद पहली बार दोनों देश पेट्रोलिंग को लेकर राजी हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी के रूस के दौरे पर सबसे अधिक नजर भारत और चीन को लेकर रहेगी. क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पीएम मोदी की मुलाकात होती है? बता दें कि भारत और चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौता होने के बाद चीन के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की मुलाकात की संभावना बढ़ गई है. ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर महत्वपूर्ण एजेंडा क्या रहेगा?
- पीएम मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने और महत्वपूर्ण एजेंडे को लेकर विदेश विभाग ने जानकारी शेयर की है.
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ब्रिक्स में वैश्विक बहुध्रुवीयता और वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर बात करेगा.
- मोदी चीन के शी जिनपिंग, तुर्की के रेसेप तैयप एर्दोआन और ईरान के मसूद पेजेशकियन सहित कई विश्व नेताओं से मिल सकते हैं. वे ब्रिक्स के कुछ नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं.
- प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्विपक्षीय बैठक करेंगे. यूक्रेन युद्ध पर भी हो सकती चर्चा.
- प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं. हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
- भारत का लक्ष्य 2030 तक रूस के साथ 100 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के लक्ष्य को हासिल करना है, जिसे जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी की पिछली यात्रा के दौरान तय किया गया था. इस पर भी चर्चा की उम्मीद है.