Zomato Food Delivery Fee hike: गुड़गांव यानी गुरुग्राम स्थित जोमैटो ने त्योहारी सीजन के दौरान फ़ूड डिलीवरी ट्रांजैक्शन के लिए यूजर्स से लिए जाने वाले प्लेटफॉर्म फीस को 7 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है। यह जानकारी कंपनी के ऐप पर दी गई है। ऐप पर एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह फीस हमें जोमैटो को चालू रखने के लिए हमारे बिलों का भुगतान करने में मदद करता है। त्योहारी सीजन के दौरान सेवाओं को बनाए रखने के लिए इसमें थोड़ी वृद्धि की गई है। जोमैटो ने पहली बार 2023 में प्लेटफॉर्म फीस को 2 रुपये प्रति ऑर्डर फ्लैट लेवी के रूप में पेश किया था और बाद में इसे समय के साथ बढ़ाया है। इसकी बेंगलुरु स्थित प्रतिद्वंद्वी स्विगी जिसने सबसे पहले यह फीस लेना शुरू किया था। उसने भी समय के साथ फीस बढ़ाकर 7 रुपये कर दिया है।
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क्या है प्लेटफॉर्म फीस?
प्लेटफॉर्म फीस प्रत्येक फूड ऑर्डर पर लगाया जाने वाला एक अतिरिक्त फीस है जो माल और सेवा टैक्स (जीएसटी), रेस्तरां फीस और डिलीवरी फीस के अलावा होता है। 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में इसका समेकित नेट प्रॉफिट करीब 5 गुना बढ़कर 176 करोड़ रुपये हो गया।
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फाइनेंशियल ईयर 2023 में जोमैटो के पास 64.7 करोड़ का ऑर्डर वॉल्यूम था। इसकी बढ़ोतरी स्ट्रक्चर में 1 रुपये की बढ़ोतरी का मतलब है कि प्रति वर्ष इसकी कुल आय में 65 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। जोमैटो ने 22 अक्टूबर को दूसरी तिमाही के लिए मुनाफे में उम्मीद से कम वृद्धि दर्ज की क्योंकि इसके ब्लिंकिट क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन ऑर्डर पूरा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बढ़ते डार्क स्टोर्स पर निवेश से मार्जिन में गिरावट आई। 23 अक्टूबर की सुबह BSE पर जोमैटो के शेयर 1.7% बढ़कर 260.7 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
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कंपनी ने डिजिटल भुगतान फर्म के मूवी और इवेंट टिकटिंग बिजनेस के हालिया अधिग्रहण के बाद अपने कैश संतुलन को बढ़ाने के लिए योग्य संस्थागत प्लेसमेंट के जरिये 8,500 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को मंजूरी दी। भारत के ऑनलाइन फूड और किराना डिलीवरी सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिसमें कंपनियां परिचालन का विस्तार करने और बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए धन जुटाने की तलाश में हैं।