PM Young Achievement Scholarship Amount: केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट इंडिया के लिए पीएम युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना (पीएम-यशस्वी) लागू की है. इस योजना का उद्देश्य ओबीसी, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और विमुक्त जनजातियों (डीएनटी) के स्टूडेंट्स को उनके शुरुआती सालों के दौरान क्वालिटी एजुकेशन से उनका उत्थान करना है. केंद्र के मुताबिक, यशस्वी प्रवेश परीक्षा उम्मीदवार के चयन का आधार है, जो एनटीए द्वारा आयोजित की जानी है. इसके लिए ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी स्टूडेंट आवेदन कर सकते हैं जिनकी कुल सालाना फैमिली इनकम 2.5 लाख रुपये या उससे कम है. पात्र छात्र नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक पीएम यशस्वी योजना में डॉ. अंबेडकर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, डीएनटी के लिए डॉ. अंबेडकर प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना शामिल है. प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए तैयार की गई है. यह ढाई लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों को 4,000 रुपये का सालाना शैक्षणिक भत्ता प्रदान करती है. एकेडमिक ईयर 2023-24 में इसके क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 32 करोड़ 44 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की सहायता करती है. इसमें कोर्स की कैटेगरी के आधार पर 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक शैक्षणिक भत्ते प्रदान किए जाते हैं. इस योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 387 करोड़ 27 लाख रुपये जारी किए गए हैं.
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योजना का व्यापक लक्ष्य इन कमजोर ग्रुप के बीच एजुकेशनल एम्पावरमेंट को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें फाइनेंशियल समस्याओं को दूर करने और अपनी पढ़ाई पूरी करने में मदद मिल सके. यह पहल न केवल पर्सनलाइज्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट को बढ़ावा देती है बल्कि अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज बनाने के व्यापक दृष्टिकोण में भी योगदान देती है.
योजना के अंतर्गत छात्र कक्षा 9 से 10 तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और पोस्ट-मैट्रिकुलेशन या पोस्ट-सेकेंडरी लेवल पर अपनी हायर स्टडीज के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का फायदा उठा सकते हैं. अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ‘टॉप क्लास स्कूल एजुकेशन’ और ‘टॉप क्लास कॉलेज एजुकेशन’ की योजना के अंतर्गत टॉप क्लास स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिलती है.
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‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास निर्माण योजना’ के अंतर्गत ओबीसी छात्रों को छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है. इसके अलावा टॉप क्लास स्कूल और कॉलेज एजुकेशन स्कीम ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी कैटेगरी के मेधावी छात्रों का सपोर्ट करने के लिए तैयार की गई हैं.
ये प्रोग्राम ट्यूशन फीस, हॉस्टल खर्च और अन्य एजुकेशनल लागतों को शामिल करते हैं. स्कूली छात्र (कक्षा 9-12) सालाना सवा लाख रुपये तक के वित्त पोषण के लिए पात्र हैं. टॉप संस्थानों में कॉलेज के छात्रों को ट्यूशन, रहने का खर्च और शैक्षिक सामग्री सहित पूरी फाइनेंशियल हेल्प मिलती है. शिक्षा तक पहुंच को और बढ़ाने के लिए ‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए हॉस्टल का निर्माण’ योजना के तहत 2023-24 में 12.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसका उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े छात्रों को सरकारी स्कूलों और संस्थानों के पास आवास उपलब्ध कराना है. जिससे क्वालिटी एजुकेशन तक उनकी बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सके.