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हेल्थ

नई दवा से खत्म हो जाएगी इंसुलिन की जरूरत, डायबिटीज मरीजों के लिए साबित होगा वरदान, ट्रायल में चला पता

Combination Drugs for Diabetes: वैज्ञानिकों ने दो तरह की दवाइयों का ऐसा कॉम्बिनेशन तैयार किया है जिससे टाइप 2 के मरीजों में इंसुलिन की आवश्यकता खत्म हो सकती है.

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Combination Drugs for Diabetes: एक महत्वपूर्ण रिसर्च में पाया गया है कि नई विधि से दो दवाइयों को अगर एक साथ कॉम्बिनेशन में दिया जाए तो डायबिटीज मरीजों में इंसुलिन की आवश्यकता खत्म हो सकती है. यहां तक कि इससे शुगर पूरी तरह कंट्रोल रह सकता है. इस अध्ययन में कहा गया है कि नई कॉम्बिनेशन थेरेपी के माध्यम से डायबिटीज के 86 प्रतिशत मरीजों में इंसुलिन की आवश्यकता खत्म हो जाएगी. दरअसल, इस कॉम्बिनेशन में ReCET (रि सेलुलराइजेशन इलेक्ट्रोपोरेशन थेरेपी के साथ-साथ सेमाग्लूटाइट दवा को दिया जाता है. रिसेट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर को खुद से इंसुलिन सेंसिटिविटी के लिए तैयार किया जाता है.

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ReCET प्रक्रिया का डायबिटीज का इलाज
रिपोर्ट के मुताबिक यह दोनों चीजें इंसुलिन का विकल्प बन सकती है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जिन्हें इंसुलिन की जरूरत होती है, वह इस विधि से इंसुलिन की आवश्यकता को खत्म कर सकते हैं. यानी इन लोगों को इंसुलिन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.हालांकि जब ReCET प्रक्रिया का डायबिटीज मरीजों पर इस्तेमाल किया जाता है तो इसके साइड इफेक्ट के रूप में मरीज का वजन बढ़ जाता है. इस कारण इसका इस्तेमाल कम किया जाता है लेकिन इस अध्ययन में पाया गया कि यदि इस प्रक्रिया के साथ-साथ सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाय तो यह बहुत प्रभावी हो जाती है और डायबिटीज मरीजों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है. सेमाग्लूटाइट दवा वजन कम करने में और डायबिटीज को कंट्रोल करने में किया जाता है.

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हमेशा के लिए इंसुलिन की जरूरत खत्म!
नए अध्ययन में 28 से 75 साल की उम्र के बीच वाले 14 लोगों को शामिल किया गया. इन्हें दो सप्ताह तक कंट्रोल डाइट दी गई और ReCET थेरेपी दी गई. इसके बाद इन्हें धीरे-धीरे प्रति सप्ताह एक मिलीग्राम सेमाग्लूटाइड की डोज दी गई. जब इस अध्ययन का एक साल बाद विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि 14 में से 12 मरीजों को इसके बाद इंसुलिन की जरूरत ही नहीं पड़ी. इतना ही नहीं इन मरीजों में HbA1c भी 7.5 से नीचे आ गया. प्रमुख शोधकर्ता डॉ. सेलीनी बुश्च ने बताया कि हमारा रिजल्ट बेहद उत्साहजनक है. खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें इंसुलिन की आवश्यकता होती है. इस विधि से इलाज कराने वाले मरीजों में कुछ ही दिनों में इंसुलिन की आवश्यकता खत्म हो सकती है.

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