Sensex Opening Bell: बिकवाली के दबाव में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक फिसलते दिखे। निवेशकों को शुक्रवार के दिन करीब 10 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा घाटा उठाना पड़ा। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 9.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 435.1 लाख करोड़ रुपये हो गया। क्या है गिरावट का कारण इसे समझने के लिए पूरी खबर पढ़ें।
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घरेलू शेयर बाजार इस बार दिवाली से पहले निवेशकों का दिवाला निकालने पर उतारू है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को बेंचमार्क सूचकांक लगभग एक प्रतिशत तक नीचे आ गए।
दोपहर एक बजकर 54 मिनट पर सेंसेक्स 762.22 (0.95%) टूटकर मनोवैज्ञानिक स्तर 80 हजार से नीचे आ गया और 79,298.31 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। दूसरी ओर, निफ्टी भी 272.50 (1.12%) अंक टूटकर 24,126.90 के लेवल पर पहुंच गया। इस दौरान निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा घाटा उठाना पड़ा और बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 9.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 435.1 लाख करोड़ रुपये हो गया।
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इससे पहले, इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच शुक्रवार को शेयर बाजारों ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 130.56 अंक चढ़कर 80,195.72 अंक पर पहुंच गया। वहीं एनएसई निफ्टी 36.9 अंक चढ़कर 24,436.30 अंक पर पहुंच गया।
हालांकि, बिकवाली के दबाव ने जल्द ही दोनों सूचकांकों को नीचे खींच लिया। बीएसई बेंचमार्क 197.47 अंक गिरकर 79,875.03 पर और निफ्टी 89.20 अंक की गिरावट के साथ 24,310.20 पर पहुंच गया।
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क्या है शेयर बाजार में गिरावट का कारण?
विदेशी निवेशकों ने पिछले 19 सत्रों में भारतीय शेयरों की बिकवाली की है। चीन की ओर से निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए किए गए उपायों और अपेक्षाकृत सस्ते मूल्यांकन के कारण भारत से निकालकर निवेशक वहां अपनी पूंजी डाल रहे हैं। बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने (एफआईआई) इस महीने 24 अक्टूबर तक 98,085 करोड़ रुपये तक के शेयर बेच दिए हैं।
मुनाफा घटने से इंडसइंड बैंक के शेयर 15% तक टूटे
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से इंडसइंड बैंक में 15 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने सितंबर तिमाही में शुद्ध लाभ में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो 1,331 करोड़ रुपये रहा। यह गिरावट मुख्य रूप से परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंताओं के कारण आई। रुपया अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 84.07 के स्तर पर स्थिर रहा।
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एनटीपीसी, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील भी पिछड़ने वालों में शामिल रहे। ब्लू-चिप कंपनियों में, आईटीसी ने 3 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई। कंपनी ने सितंबर 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में अपना समेकित शुद्ध लाभ 1.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5,054.43 करोड़ रुपये की सूचना दी। जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान आईटीसी का परिचालन से राजस्व 15.62 प्रतिशत बढ़कर 22,281.89 करोड़ रुपये हो गया।
एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में बढ़त
एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक अन्य बड़े लाभ वाले शेयर रहे। एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में तेजी रही, जबकि टोक्यो में गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को अमेरिकी बाजार अधिकतर बढ़त के साथ बंद हुए।
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एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 5,062.45 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,620.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.24 प्रतिशत बढ़कर 74.56 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गुरुवार को बीएसई का सूचकांक 16.82 अंक या 0.02 प्रतिशत गिरकर 80,065.16 अंक पर बंद हुआ था। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में निफ्टी 36.10 अंक या 0.15 प्रतिशत गिरकर 24,399.40 अंक पर बंद हुआ था।