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पंजाब

Stubble Burning: पंजाब में पराली के मामले 50% कम, फिर भी नहीं थम रहा प्रदूषण, पटाखों के लेकर सख्ती के आदेश

पंजाब में इस बार बीते वर्ष के मुकाबले पराली जलाने के मामले 50 प्रतिशत कम हुए हैं। 15 सितंबर से 27 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1,995 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 4,059 थी।

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पंजाब में पराली जलाने के मामलों में इस साल 50 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन बावजूद इसके प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) जहां वैरी पुअर कैटेगरी में बना हुआ है, वहीं पंजाब का एक्यूआई पुअर कैटेगरी में चला गया है। 

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 27 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1,995 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 4,059 थी। यह पिछले साल की तुलना में 50% की कमी दर्शाता है। हालांकि पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन इसका दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ा है। दिल्ली सोमवार को एक्यूआई 304 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि पराली जलाने के मामले तो कम हुए हैं, लेकिन पराली जलाने के रकबे में बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्ष 2023 में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। पंजाब में अब तक पराली जलाने के 2137 मामले सामने आ चुके है। सोमवार को सबसे अधिक 19 मामले संगरूर में सामने आए।

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आयोग ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पंजाब सरकार को निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने की रोकथाम व पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की सख्ती से पालना की जानी चाहिए। आयोग ने कहा है कि उत्तर भारत में त्योहारी सीजन के साथ ही खरीफ सीजन के तहत धान की कटाई का काम भी चल रहा है। ऐसे में पराली प्रबंधन व पटाखों के प्रदूषण की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।

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क्लीन इंटर सिटी बस सर्विस की स्टेटस रिपोर्ट तलब
आयोग ने क्लीन इंटर सिटी बस सर्विस की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है, जिसके तहत राज्य में इलेक्ट्रिक बस सेवा चलाने पर जोर दिया जाना था। हालांकि, राज्य में इसे लेकर कुछ खास काम नहीं हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार की योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसें चलाने पर काम चल रहा है। पंजाब सरकार ने दीवाली पर 31 अक्तूबर को रात 8 से 10 बजे तक सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है। इसी तरह गुरुपर्व पर 15 नवंबर को सुबह 4 से 5 और रात 9 से 10 बजे तक पटाखे जलाने का समय निर्धारित किया गया है। क्रिसमस 25-26 दिसंबर और नववर्ष की पूर्व संध्या 31 दिसंबर 2024-1 जनवरी 2025 को रात 11:55 से 12:30 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी है। सरकार के अनुसार सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति दी गई है, जबकि बाकी सभी तरह के पटाखों पर रोक रहेगी। पटाखों की लड़ी (सीरीज पटाखे) के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाया गया है।

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