हरियाणा में पराली जलाने पर अभी तक कुल 218 एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। कैथल में पराली जलाने के 139, कुरुक्षेत्र में 111, अंबाला में 78, करनाल में 78, जींद में 56, फतेहाबाद में 48 और सोनीपत में 48 मामले आ चुके हैं।
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दिवाली से पहले हरियाणा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि देश के कुल 22 प्रदूषित शहरों में प्रदेश के पांच जिले भी शामिल है। सोनीपत जिले में मंगलवार को राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषण रहा। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेड जोन 300 के नीचे आकर 268 हुआ है जबकि सोनीपत का एक्यूआई बढ़कर 270 पहुंच गया है।
प्रदेश में बहादुरगढ़ का एक्यूआई 222, भिवानी 234, जींद 212, कैथल 227 है। एक दिन पूर्व बीते सोमवार को प्रदेश के 10 जिलों का एक्यूआई 200 से 300 के बीच था। इसमें चरखी-दादरी, फरीदाबाद, हिसार, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और यमुनानगर शामिल थे। अभी इन जिलों के एक्यूआई लेवल यलो जोन में आ गए हैं।
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अब तक मिले 739 केस, 12 एफआईआर दर्ज
राज्य में मंगलवार को कुल 13 नए मामले पराली जलाने के आए हैं। जबकि पांच किसानों की मेरी फसल मेरा-ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है। वहीं, 12 नई एफआईआर भी दर्ज की गई है। 15 सितंबर से 28 अक्तूबर तक राज्य में पराली जलाने के कुल 739 मामले आ चुके हैं। इनमें कैथल जिले में सबसे ज्यादा पराली जली है। अभी तक 452 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है, जो दो सीजन तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।
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पराली जलाने पर अभी तक कुल 218 एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। कैथल में पराली जलाने के 139, कुरुक्षेत्र में 111, अंबाला में 78, करनाल में 78, जींद में 56, फतेहाबाद में 48 और सोनीपत में 48 मामले आ चुके हैं। वहीं, मंगलवार को पंजाब में पराली जलाने के 219 नए मामले आए है। जबकि पंजाब में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 2356 पहुंच गई।