SBI Cards Share price: एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज के शेयर बुधवार 30 अक्टूबर को शुरुआती कारोबार में 3 प्रतिशत से अधिक गिरकर 664 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आ गए। यह गिरावट कंपनी के जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों के ऐलान के बाद आई है। अधिकतर ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि नतीजे उनके अनमुान से कम रहे। साथ ही शेयर के टारगेट प्राइस में कटौती की है। ब्रोकरेज का कहना कि मौजूदा वित्त वर्ष कंपनी के लिए चुनौती भरा हो सकता है।
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विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने SBI कार्ड्स को ‘रिड्यूस’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 625 रुपये रखा है। यह कंपनी के शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 6% गिरावट का अनुमान है। नोमुरा का कहना है कि SBI Cards के लिए FY25 एक कमजोर साल साबित हो सकता है। कार्ड ऐडिशन्स मल्टी-ईयर लो पर पहुंच गए हैं और इस परिस्थिति में सुधार के लिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना ही इकलौती उम्मीद दिखती है।
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HSBC ने भी SBI कार्ड्स पर ‘रिड्यूस’ रेटिंग बनाए रखी और टारगेट प्राइस को घटाकर 580 रुपये कर दिया। HSBC का मानना है कि नए कार्ड जारी करने की गति धीमी हो गई है और एसेट क्वालिटी में भी कोई सुधार नहीं देखा जा रहा। उसने बताया कि FY25 के अनुमानित EPS में 25% की कटौती की गई है।
वहीं, Jefferies ने SBI कार्ड्स पर ‘होल्ड’ की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस को घटाकर 760 रुपये कर दिया है। जेफरीज ने भी वित्त वर्ष 2025 से 2027 के दौरान कंपनी के EPS में 4-8 प्रतिशत की कमी का अनुमान लगाया है।
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SBI कार्ड्स का सितंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा 404 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 33 प्रतिशत कम है। हालांकि, कुल रेवेन्यू में 8.2 प्रतिशत की तेजी आई। रेवेन्यू में इजाफा मुख्य रूप से इंटरेस्ट इनकम में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण हुआ। हालांकि फीस और कमीशन में 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मार्केट शेयर की बात करें तो इसमें भी हल्की गिरावट देखी गई है। SBI Cards का कार्ड-इन-फोर्स शेयर 19.2 प्रतिशत से घटकर 18.5 प्रतिशत और स्पेंड शेयर 18 प्रतिशत से 15.7 प्रतिशत हो गया है।