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नए संवत में भी सोने की चमक रहेगी बरकरार, कहां तक जाएगा रेट? जानिए

Gold Investment Samvat 2081- सम्‍वत् 2081 में सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में चमकता रहेगा. विशेषज्ञों का अनुमान है कि भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ती मांग के कारण सोना 15-18% तक का रिटर्न दे सकता है.

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नई दिल्ली. दिवाली यानी एक नवंबर से नए संवत वर्ष 2081 की शुरुआत हो चुकी है. पिछले संवत वर्ष यानी 2080 में सोने ने इक्विटी बेंचमार्क को पीछे छोड़ते हुए 30% से अधिक का रिटर्न दिया. वहीं, निफ्टी से केवल 25% का रिटर्न मिला था. विशेषज्ञों का मानना है कि सोना संवत 2081 में भी निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहेगा. विश्लेषकों का अनुमान है कि सकारात्मक आर्थिक कारकों और सुरक्षित निवेश की मांग के चलते सोना 15-18% तक का रिटर्न दे सकता है. आने वाले महीनों में सोने की कीमतें सकारात्मक रुझान दिखा सकती हैं, हालांकि वैश्विक बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव के चलते निवेशकों को मध्यम लाभ की उम्मीद रखनी होगी.

सोना बना सुरक्षित निवेश विकल्‍प
पिछले संवत वर्ष में सोने की मजबूती के पीछे भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दर चक्र के बदलाव ने अहम भूमिका निभाई. इससे सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन गया था. इस बीच, भू-राजनीतिक परिस्थितियों और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की मौद्रिक नीतियों में बदलाव ने औद्योगिक मांग को भी बढ़ावा दिया है. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू लिया. यह वृद्धि पिछले साल 29 अक्टूबर को 61,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से अब तक 35% की तेजी को दर्शाती है.

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विदेशी बाजारों में भी सोने ने मजबूत प्रदर्शन किया है. वहां कीमती धातु में 40% तक का लाभ देखा गया, जो केंद्रीय बैंकों की भू-राजनीतिक जोखिमों और भविष्य में संभावित ब्याज दर कटौती को लेकर खरीदारी से प्रेरित था. विशेषज्ञों का कहना है कि आगे भी वैश्विक कारक सोने की कीमतों को प्रभावित करते रहेंगे.

18 फीसदी तक रिटर्न की उम्‍मीद
एलकेपी सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ जतिन त्रिवेदी का कहना है, “हम सोने में न्यूनतम 10% का प्रदर्शन देख सकते हैं, लेकिन अगर आयात शुल्क में कटौती जारी रहती है, तो यह 15-18% तक का लाभ भी दे सकता है. दूसरी ओर, अगर आयात शुल्क में बढ़ोतरी होती है, तो यह प्रदर्शन और भी मजबूत हो सकता है. इसके अलावा, स्थिर ब्याज दरें भी सोने की कीमतों में धीरे-धीरे वृद्धि का समर्थन कर सकती हैं.”

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