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RBI ने केवाईसी न‍ियमों में बदलाव को लेकर जारी क‍िया नोट‍िफ‍िकेशन, चेक करें ड‍िटेल

RBI

RBI KYC Rules: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से Know Your Customer यानी केवाईसी (KYC) से जुड़े न‍ियमों में बदलाव क‍िया गया है. इस बारे में एक नोट‍िफ‍िकेशन के जर‍िये आरबीआई (RBI) ने मास्‍टर दिशानिर्देशों में बदलाव की घोषणा की है. साथ ही यह भी कहा गया क‍ि ये बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू क‍िये जाएंगे. बैंकों की तरफ से समय-समय पर ग्राहकों का केवाईसी क‍िया जाता है. ऐसा यह सुन‍िश्‍च‍ित करने के लिए किया जाता है कि ग्राहक वही है जो दावा कर रहा है.

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KYC क्‍या है?

KYC का सीधा सा मतलब है ‘अपने ग्राहक को जानें’. यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके तहत बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि करते हैं. केवाईसी के जर‍िये धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधि को रोकने में मदद म‍िलती है. अब इनमें बदलाव के बारे में आरबीआई की तरफ से 6 नवंबर को घोषणा की गई. वित्तीय संस्‍थानों की तरफ से अपने ग्राहकों की पहचान की जांच की पुष्‍ट‍ि के ल‍िए KYC अहम है. केवाईसी होने से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंड‍िंग जैसी गलत गतिविधियों को रोकने में भी मदद म‍िलती है.

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‘डिजिटल KYC’ क्‍या है?

‘डिजिटल KYC’ का सीधा सा अर्थ है क‍ि कस्‍टमर की लाइव फोटो और आधिकारिक रूप से सही डॉक्‍यूमेंट या वैल‍िड आधार को कैप्‍चर करना. जहां पर ऑफलाइन वेर‍िफ‍िकेशन नहीं किया जा सकता है, उस जगह का अक्षांश और देशांतर जहां ऐसी लाइव फोटो ली जा रही है. अधिनियम में निहित प्रावधानों के अनुसार आरई के अधिकृत अधिकारी द्वारा.

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आरबीआई का हाल‍िया बदलाव

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 6 नवंबर को जारी नोट‍िफ‍िकेशन के अनुसार, ‘KYC पर मास्टर दिशानिर्देश में बदलाव क‍िया गया है. द‍िशा-निर्देशों को मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम नियमों, 2005 में किए गए संशोधनों के साथ अलॉइन करने के ल‍िए 19 जुलाई, 2024 को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से (बी) भारत सरकार की तरफ से 2 फरवरी, 2021 के आदेश पर 22 अप्रैल, 2024 को जारी किए गए सुधार के अनुसार निर्देशों को शामिल करना ‘अवैध गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 51A के कार्यान्वयन की प्रक्रिया’, और (सी) कुछ मौजूदा निर्देशों को संशोधित करना’.

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KYC क्यों जरूरी है?

KYC से धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंड‍िंग जैसी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती है. यह सुन‍िश्‍च‍ित करता है कि ग्राहक का पैसा सुरक्षित रहे और पैसा क‍िसी गलत हाथ में न जाए. यह अलग-अलग वित्तीय नियमों और कानूनों का पालन करने में मदद करता है. 

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