देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के 14 लाख एंजेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। एलआईसी के मैनेजमेंट के द्वारा अपनी तिमाही रिजल्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्लारिफाई किया गया है कि निकट भविष्य में एलआईसी का क्लॉबैक क्लॉज लागू करने का कोई इरादा नहीं है। ET Now Swadesh के सहयोगी अनुराग शाह ने इसको लेकर पूरी जानकारी दी है।
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ET Now Swadesh के सहयोगी अनुराग शाह ने कहा कि एलआईसी के मैनेजमेंट का मानना है कि उनका एक्सपीरियंस जो होगा उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा लेकिन एलआईसी क्लॉबैक क्लॉज को लागू नहीं करने जा रही है। अक्टूबर में जिस तरह से बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नए सरेंडर वैल्यू के नियम लागू हुए जहां पर पॉलिसी होल्डर्स को ज्यादा सरेंडर वैल्यू देना पड़ेगा। पहले साल में भी सरेंडर वैल्यू देना पड़ेगा।
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एलआईसी एजेंटों ने चिंता जाहिर की थी
अनुराग शाह ने बताया कि उसके बाद कुछ प्राइवेट इंशोरेंस कंपनियों ने 2 से 3 साल तक के क्लॉबैक क्लॉज को लागू किया। क्लॉबैक क्लॉज यानी अगर पॉलिसी जारी होती है और 2 साल या 3 साल के अंदर पॉलिसी को अगर सरेंडर कर दिया है, तो एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर को जो भी कमीशन इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा दिया गया है। वह कमीशन वापस रिकवर किया जाएगा।
एलआईसी एजेंट ने इसको लेकर काफी बड़ी संख्या में चिंता जाहिर की थी। अब एलआईसी के सीनियर मैनेजमेंट के तरफ से साफ कर दिया गया है।
निकट भविष्य में एलआईसी क्लॉबैक क्लॉस को लागू नहीं करने जा रहा है।
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नए सरेंडर वैल्यू के नियमों के बाद मार्जिन पर असर नहीं पड़ेगा
अनुराग शाह ने बताया कि इसके अलावा, एलआईसी का यह भी मानना है कि सरेंडर वैल्यू के नियम लागू होने के बाद जो स्ट्रक्चर चेंज हुआ है। उसमें सभी पॉलिसीज में बदलाव किया गया है लेकिन कुल कमीशन को नहीं बदला गया है।
पहले साल की कमीशन में बदलाव हुआ है लेकिन पूरी पॉलिसी टर्म में कमीशन स्ट्रक्चर में बदलाव ज्यादा नहीं किया गया है। एलआईसी का कहना है कि नए सरेंडर वैल्यू के नियमों के बाद मार्जिन पर असर नहीं पड़ेगा।