प्याज ने बिना कटे ही लोगों के आंसू निकालना शुरू कर दिया है। इसकी वजह है कीमतों में उछाल। थोक बाजारों में प्याज की कीमत 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली के एक बाजार में एक सेलर का कहना है, ‘प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो हो गई है। हम इसे मंडी से खरीदते हैं। इसलिए वहां से हमें जिस कीमत पर यह मिलती है, उसका असर हम जिस कीमत पर बेचते हैं, उस पर पड़ता है। कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से बिक्री में कमी आई है, लेकिन लोग इसे अभी भी खरीद रहे हैं, क्योंकि यह खाने-पीने की आदतों का अहम हिस्सा है।”
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प्याज की बढ़ती कीमतों पर एक खरीदार ने कहा, “प्याज की कीमत में उछाल आया है, जबकि मौसम के हिसाब से इसमें कमी आनी चाहिए थी। मैंने 70 रुपये प्रति किलो प्याज खरीदा। इससे घर में खाने-पीने की आदतों पर असर पड़ा है। मैं सरकार से अपील करती हूं कि कम से कम रोजाना खाई जाने वाली सब्जियों के दाम कम किए जाएं।”
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गुवाहाटी में रेल रैक से 840 टन प्याज पहुंची
हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से खबर आई थी कि पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए गुवाहाटी में रेल रैक से 840 टन प्याज पहुंचाई गई है। एक सरकारी बयान में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कहा, ‘‘थोक आपूर्ति की गति को बनाए रखा गया है और रेल रैक की मदद से 840 टन प्याज की खेप 5 नवंबर, 2024 को गुवाहाटी के चांगसारी स्टेशन पर पहुंच गई है।’’ राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ की ओर से असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों में प्याज डिस्ट्रीब्यूट की जा रही है। इससे पूर्वोत्तर राज्यों में प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी और उपभोक्ताओं को यह बहुत ही उचित कीमत पर उपलब्ध होगी।’’
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अधिक लागत प्रभावी और कुशल आपूर्ति के लिए इस साल पहली बार नासिक से दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी जैसे प्रमुख स्थलों तक प्याज का रेल रैक के जरिए थोक परिवहन किया गया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कहा, ‘‘प्रमुख मंडियों में प्याज की थोक आपूर्ति से उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को कम करने में मदद मिली है।’’