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Jeevan Pramaan: गंभीर बीमारी के चलते नहीं जमा कर पा रहे हैं जीवन प्रमाण, जानिए क्या हैं विकल्प?

Digital life certificate: अगर आप या आपके घर में कोई पेंशनर गंभीर बीमारी के चलते अपना जीवन प्रमाण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के क्या-क्या विकल्प हैं यहां जानिए.

पेंशनर्स के खाते में हर महीने पेंशन मिलती रहे इसके लिए उन्हें साल में एक बार अपने जीवित होने प्रमाण जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) के रूप में जमा करना होता है. यह एक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट है जो सीनियर सिटिजन्स के नाम बनाया जाता है. जीवन प्रमाण यानी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार और बायोमेट्रिक्स की जरूरत पड़ती है.

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हर एक पेंशनर के नाम जीवन प्रमाण उनके आधार नंबर और बायोमेट्रिक्स की मदद से तैयार किया जाता है. जीवन प्रमाण (DLC) हासिल करने के लिए पेंशनर को पेंशन डिसबर्सिंग ऑफिसर के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं पड़ती. पेंशनर के नाम डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट यानी डीएलसी (DLC) ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाता है और इसे पेंशन डिसबर्सिंग एजेंसी द्वारा तुरंत प्रोसेस किया जाता है. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को लिए किसी बैंक, पोस्ट ऑफिस या संबंधित विभाग में व्यक्तिगत रूप से जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा, हर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का एक खास ID होता है जिसे प्रमाण-ID कहा जाता है.

वरिष्ठ नागरिक अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए संबंधित बैंकों से दरवाजे पर बैंकिंग सेवा भी ले सकते हैं. बैंकों में इस प्रक्रिया के लिए वरिष्ठ पेंशनरों को विशेष व्यवस्था देने और सामान्य भीड़ से बचने के लिए 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनर हर साल 1 अक्टूबर से अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा कर पाते हैं, जो अगले साल 30 नवंबर तक मान्य रहेगा.

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गंभीर बीमारी में जीवन प्रमाण जमा करने के क्या हैं विकल्प

अगर कोई पेंशनर या फैमिली पेंशनर गंभीर बीमारी या असमर्थता के कारण जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं कर पा रहा है, तो उसके लिए कुछ विकल्प हैं, जो UIDAI के फ्रीक्वेंटली ऑस्क्ड क्वेश्चन (FAQ) जीवन प्रमाण पत्र में दिए गए हैं.

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इस प्रक्रिया में, पेंशनर को एक मेडिकल प्रैक्टिशनर से मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ एक सूचना भेजनी होगी, जिसमें उनकी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की असमर्थता का जिक्र हो. यह सूचना पेंशन खाता धारक शाखा (PAHB) के अधिकारी को भेजी जाएगी ताकि वे पेंशनर के घर या अस्पताल जाकर जीवन प्रमाण पत्र रिकॉर्ड कर सकें.

अगर पेंशनर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से अपनी पेंशन प्राप्त कर रहा है, तो जीवन प्रमाण पत्र उस बैंक के अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित किया जा सकता है.

अगर कोई पेंशनर निर्धारित फॉर्म (अनुबंध-XIII) में जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है और इसे नीचे दिए गए किसी भी व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है, तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दी जाती है

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मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करने वाला व्यक्ति

भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत नियुक्त रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार

गजटेड सरकारी कर्मचारी

पुलिस अधिकारी जो उप-निरीक्षक के पद से कम नहीं है

पोस्टमास्टर, विभागीय उप-पोस्टमास्टर या पोस्ट ऑफिसों का निरीक्षक

भारतीय रिजर्व बैंक का कक्षा-I अधिकारी

रिटायरमेंट से पहले मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करने वाला पेंशनधारी अधिकारी

जस्टिस ऑफ पीस

ब्लॉक विकास अधिकारी, मंसीफ, तहसीलदार या नायब तहसीलदार

ग्राम पंचायत या गांव पंचायत का प्रमुख

सांसद, राज्य विधानसभाओं के सदस्य या केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के सदस्य

खजाना अधिकारी

इन विकल्पों के माध्यम से, गंभीर बीमारी या असमर्थता की स्थिति में भी पेंशनर्स अपने जीवन प्रमाण पत्र को आसानसे जमा कर सकते हैं.

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