All for Joomla All for Webmasters
मणिपुर

मणिपुर में बिगड़े हालात: विवादित AFSPA फिर से लागू, CAPF की 50 कंपनियां रवाना

Jiribam Violence: मणिपुर में एक साल से हो रही जातीय हिंसा लगातार बढ़ती ही जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की अस्थिर स्थितियों को देखते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 50 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाईलेवल मीटिंग में अधिकारियों की एक टीम को हिंसा प्रभावित इलाका का दौरा करने को कहा है। गृह मंत्री ने सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के लिए भी एक विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

ये भी पढ़ें:– ICICI Bank के क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल हो जाएगा महंगा, बैंक ने किया नियमों में बदलाव

AFSPA फिर से लागू

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल मीटिंग के बाद होम मिनिस्ट्री ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में विवादास्पद AFSPA या सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू करने का फैसला करते हुए इसे तत्काल प्रभावी कर दिया है।

ये भी पढ़ें:– G20 में भारत ने किया कमाल, GDP ग्रोथ रेट में किया टॉप, देखिए लिस्ट

दरअसल, मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच एक साल से जारी जातीय हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने राज्य के जिरीबाम जिले में छह लोगों जिसमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे उनका अपहरण कर बेरहमी से कत्ल कर दिया। यह वारदात कुकी विद्रोहियों के कथित तौर पर जिरीबाम में सीआरपीएफ चौकियों पर हमला ओर जवाबी कार्रवाई में दस कुकी उग्रवादियों के मारे जाने के बाद हुई। कुकी विद्रोहियों ने आसपास के क्षेत्रों में भी काफी आगजनी की थी। उसी दौरान छह लोगों को अपहृत कर लिया था।

कई मंत्रियों विधायकों के घर पर हुए हमले

गुरुवार को अपहृत लोगों में तीन के शव बरामद होने के बाद लोगों का गुस्सा राज्य प्रशासन पर बढ़ गया। शनिवार को काफी संख्या में लोगों ने कार्रवाई के लिए इंफाल में कई मंत्रियों-विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया और उग्र होकर हमला बोल दिया। इसके बाद भीड़ ने मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला बोला जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। हिंसा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के घर और मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन सहित कम से कम चार अन्य विधायकों के घरों पर हमले हुए थे।

रविवार को भी राज्य में प्रदर्शन जारी रहा

सभी छह अपहृत लोगों की हत्या के बाद उनके शव बरामद होने के बाद मणिपुर में रविवार को भी उग्र विरोध प्रदर्शन जारी रहा। राज्य सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच रविवार को हुई झड़प में एक 21 वर्षीय प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि,यह स्पष्ट नहीं है कि 21 वर्षीय व्यक्ति पर गोली किसने चलाई लेकिन प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस कमांडो ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हथियार चलाए और उस गोलीबारी में अथौबा की मौत हो गई।

ये भी पढ़ें:– 19 नवंबर की सुबह-सुबह मिल गई बड़ी राहत? जारी हो गए पेट्रोल और डीजल के भाव, जानें

कुकी लोगों का आरोप पुलिस ने उग्रवादी बता ग्राम स्वयंसेवकों को मारा

उधर, अस्थिर राज्य में कुकी समुदाय के लोगों का आरोप है कि केंद्रीय सुरक्षाबलों ने उग्रवादी बताकर उनके ग्राम स्वयंसेवकों को मार डाला है। जिनको संदिग्ध कुकी उग्रवादी बताया गया है वह ग्राम स्वयंसेवक थे। कुकी जनजातियों के लोगों के एक समूह ने उस अस्पताल को भी घेर लिया था जिसमें उनके शव रखे गए थे। इन लोगों ने उनको ले जाने से भी रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।

राजनीतिक अस्थिरता भी आई

राज्य के हालात बिगड़ने के दौरान ही राजनैतिक अस्थिरता भी आ गई है। सत्ताधारी बीजेपी सरकार से नेशनल पीपुल्स पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार संकट को हल करने में पूरी तरह विफल रही है। हालांकि, समर्थन वापसी के बाद भी बीरेन सिंह सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के 7 विधायक हैं। भाजपा के पास 32 विधायक हैं जो बहुमत से एक ज़्यादा है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top