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उत्तर प्रदेश

UP में बड़े उद्योगों की स्थापना से निवेश का बूम! 2400 करोड़ रुपये का निवेश, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार की एफडीआइ, फार्च्यून ग्लोबल 500 और फार्च्यून इंडिया 500 निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को दी जा रही रियायतों के जमीनी परिणाम बड़े उद्योगों की स्थापना के रूप में दिखाई देने लगे हैं। इसी क्रम में तीन बड़ी कंपनियां प्रदेश में कुल 2,476.68 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही हैं। इन उद्योगों की स्थापना के लिए गौतमबुद्ध नगर में यीडा के तहत भूमि आवंटन के माध्यम से इन निवेशकों के लिए विशेष सहूलियत भी दी जा रही है।

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पाइन वैली वेंचर प्राइवेट लिमिटेड, हैवेल्स इंडिया लिमिटेड और मिंडा कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी तीन बड़ी कंपनियां यूपी में बड़े उद्योग की स्थापना करने जा रही हैं। पाइन वैली वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 1,080.82 करोड़ रुपये का निवेश कर गौतमबुद्ध नगर में 20-25 एकड़ भूमि पर रेडीमेड गारमेंट्स और एक्सेसरीज का उत्पादन करेगी।

वहीं, हैवेल्स इंडिया लिमिटेड, जोकि प्रसिद्ध घरेलू उपकरण निर्माता है। उसके द्वारा 873.58 करोड़ रुपये का निवेश कर रेफ्रिजरेटर निर्माण के लिए एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट सात चरणों में पूरा होगा और इसमें लगभग 1,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। मिंडा प्राइवेट लिमिटेड भी प्रदेश में भारी-भरकम निवेश करने जा रही है।

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ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कंपनी 522.28 करोड़ रुपये का निवेश कर वायरिंग हार्नेस और अन्य इलेक्ट्रानिक सिस्टम्स का उत्पादन करेगी। बता दें कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) और देश-दुनिया के 500 प्रमुख उद्योग समूहों को प्रोत्साहन देने के लिए फ्रंट-एंड लैंड सब्सिडी, कर रियायतें और लाजिस्टिक सुविधाओं में सुधार जैसे कदम उठाए हैं। एफडीआई नीति 2023 के तहत पश्चिमांचल क्षेत्र में भूमि की लागत पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

9 जिलों को योगी सरकार की बड़ी सौगात

इसके अलावा बता दें कि प्रदेश के नौ जिलों में शहरों के विस्तारीकरण की योजना के लिए बीते दिनों कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें 1,285 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नए शहरों के प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई योजना के तहत भूमि अर्जन पर 20 वर्षों के अवधि के लिए 50 प्रतिशत का व्यय सीड कैपिटल के रूप में राज्य सरकार करेगी।

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यह राशि सहारनपुर, मथुरा-वृन्दावन, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा व मेरठ विकास प्राधिकरणों तथा आवास एवं विकास परिषद की 14 परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी।

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