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Personal Loan: बचत बढ़ाने के लिए पर्सनल लोन पर भी ले सकते हैं कर छूट का लाभ, समझिए आयकर कानून के नियम

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यह लाभ प्रत्यक्ष तौर पर नहीं मिलता है क्योंकि पर्सनल लोन आमतौर पर निवेश या आय सृजन से जुड़ा नहीं होता है। आयकर कानून के तहत कुछ मामलों में विशेष उद्देश्यों के लिहाज से लिए गए पर्सनल लोन पर आप कर छूट का दावा कर सकते हैं।\

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पर्सनल लोन आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले वित्तीय साधनों में से एक है। इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसके लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती है और यह आसानी से उपलब्ध है।

आप अपनी बचत को बढ़ाने के लिए पर्सनल लोन पर कर छूट का लाभ भी ले सकते हैं। हालांकि, यह लाभ प्रत्यक्ष तौर पर नहीं मिलता है क्योंकि पर्सनल लोन आमतौर पर निवेश या आय सृजन से जुड़ा नहीं होता है। आयकर कानून के तहत कुछ मामलों में विशेष उद्देश्यों के लिहाज से लिए गए पर्सनल लोन पर आप कर छूट का दावा कर सकते हैं।

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घर खरीदने या नवीनीकरण के लिए

अगर आप मकान खरीदने, निर्माण करने या उसके नवीनीकरण के मकसद से पर्सनल लोन लेते हैं और उस रकम का इस्तेमाल ब्याज चुकाने पर करते हैं तो इस राशि पर आयकर कानून-1961 की धारा 24(बी) के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं। कर छूट की अधिकतम राशि सालाना दो लाख रुपये है।

शिक्षा के लिए कर्ज पर भी छूट

अगर आप खुद के लिए, अपने जीवनसाथी या बच्चों की शिक्षा के लिए पर्सनल लोन लेते हैं तो आयकर कानून की धारा 80ई के तहत ब्याज कंपोनेंट पर कर छूट पाने का दावा कर सकते हैं।

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यह छूट अधिकतम आठ वर्षों के लिए या कर्ज के पूरी तरह से भुगतान किए जाने तक, जो भी पहले हो, उपलब्ध है।  इस धारा का मकसद उच्च शिक्षा के लिए कर्ज लेने वाले करदाताओं को राहत प्रदान करना है।

कारोबार के लिए पर्सनल लोन

कारोबार के उद्देश्य से लिए गए पर्सनल लोन पर भी कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। अगर यह कर्ज निवेश या व्यावसायिक खर्च के लिए दिया जाता है, तो इसके ब्याज भुगतान को कारोबारी लागत के रूप में दिखा सकते हैं। इस तरह, कर योग्य आय को कम किया जा सकता है।

इन बातों का रखना होगा ध्यान

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पर्सनल लोन लेने का उद्देश्य उसके इस्तेमाल के अनुरूप होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर घर बनाने या खरीदने के लिए कर्ज ले रहे हैं, तो होम लोन का विकल्प चुनना अधिक फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि ऋण के उद्देश्य को साबित करना आसान होता है। ।  कर छूट पाने को कर्ज के अंतिम इस्तेमाल के साक्ष्य के लिए संबंधित दस्तावेज भी देने होंगे।

पांच साल में पूरा करना होगा निर्माण

खुद के कब्जे वाली संपत्ति के लिए चुकाए गए ब्याज पर धारा 24(बी) के तहत सालाना दो लाख रुपये तक कर छूट का दावा कर सकते हैं। अगर निर्माण पांच साल में पूरा नहीं होता है, तो यह सीमा घटकर 30,000 रुपये रह जाती है। धारा 80सी के तहत घर खरीदने या निर्माण के लिए पर्सनल लोन के मूलधन की अदायगी पर सालाना 1.50 लाख रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं।  -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार

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