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दिल्ली/एनसीआर

Delhi-NCR Pollution: एनसीआर में दिल्ली सबसे प्रदूषित, अब ग्रैप-4 की पाबंदियां को लेकर आई ये बड़ी खबर, जानें

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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों को परेशान कर दिया है। हालांकि, मंगलवार को इसमें थोड़ी राहत देखने को मिली। प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम नजर आया। एक्यूआई 300 से नीचे आ गया है। लेकिन हवा अभी भी खराब है।

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मंगलवार सुबह दिल्ली के अक्षरधाम इलाके में धुंध की एक परत देखने को मिली। वहीं अब ठंड का असर तेजी से बढ़ेगा। सुबह सात बजे दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 294 दर्ज हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार यह स्थिति गुरुवार तक रहने के संकेत है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत कड़े प्रतिबंधों में ढील देने से इन्कार कर दिया है।

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सोमवार को कैसे रहे हालात?

सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 280 रहा, जोकि खराब श्रेणी में है। यह बीते 24 घंटे के मुकाबले पांच सूचकांक की कमी दर्ज की गई है। अधिकतर इलाकों में एक्यूआई 200 के पार रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यहां पहुंचने वाली हवाओं की गति स्थिर नहीं होने की वजह से प्रदूषक फैल नहीं रहे हैं। इससे वायु गुणवत्ता खराब है।

CPCB के आंकड़ों के अनुसार शादीपुर, नेहरू नगर व आनंद विहार समेत 12 इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। जबकि अशोक विहार, आया नगर समेत 21 इलाकों में खराब श्रेणी में हवा रही। इस दौरान हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से चली। ऐसे में हवा की चाल 6 किलोमीटर प्रतिघंटे रही। सीपीसीबी के मुताबिक मंगलवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से चल सकती है। हवा की गति आठ किलोमीटर प्रतिघंटे रह सकती है। वहीं, बुधवार को भी हवा उत्तर-पश्चिम दिशा के साथ 12-16 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति रहेगी। साथ ही, बृहस्पतिवार को हवा उत्तर-पश्चिम से चलेगी।

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एनसीआर में दिल्ली सबसे प्रदूषित

IITM के आंकड़ों के अनुसार मिक्सिंग डेप्थ का स्तर 1120 मीटर रही। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स 4000 घनमीटर प्रति सेकंड रही। 24 घंटे के भीतर वेंटिलेशन इंडेक्स 7000 घनमीटर प्रति सेकंड रहने का अनुमान है। सीपीसीबी के अनुसार एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे साफ रही। यहां एक्यूआई 166 रहा, जोकि मध्यम श्रेणी में है। साथ ही, फरीदाबाद व ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 196, गुरुग्राम में 193 व गाजियाबाद में 169 एक्यूआई रहा।

आज सुबह दिल्ली में कैसी रही हवा?

इलाकाएक्यूआई
शादीपुर341
नेहरु नगर300
आनंद विहार294
द्वारका सेक्टर आठ298
बवाना304
वजीरपुर298
अशोक विहार286
पंजाबी बाग298
जहांगीरपुरी307
पूसा252

(नोट : आंकड़ें सीपीसीबी के मुताबिक)

ग्रैप-4 को लेकर आया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत कड़े प्रतिबंधों में ढील देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में लगातार गिरावट का रुख नहीं बन जाता, तब तक प्रतिबंध नहीं हटाए जाएंगे।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एनसीआर के राज्यों दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिवों को बताना होगा कि इन प्रतिबंधों के कारण काम नहीं कर पा रहे दिहाड़ी निर्माण श्रमिकों को किसी तरह के भत्ते का भुगतान किया गया या नहीं। 

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पीठ ने सोमवार की सुनवाई में दिल्ली की सभी एजेंसियों में तालमेल की कमी पर सख्त नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण समिति जैसे भागीदारों के बीच कोई तालमेल नहीं दिखा है। पीठ ने कहा, आज हम कोई राहत नहीं देने जा रहे। हम 5 दिसंबर को फैसला करेंगे कि राहत दी जाए या नहीं। उस दिन हम एक्यूआई का स्तर देखेंगे। पीठ ने दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकने के लिए तैनात किए गए अधिकारियों की संख्या भी पूछी।

रिपोर्ट के अध्ययन के लिए आयोग बनाए अधिकारियों की टीम

पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया कि वह कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्टों के अध्ययन के लिए अधिकारियों की टीम बनाए और जहां प्रतिबंधों का उल्लंघन हो रहा हो, वहां तत्काल संबंधित अधिकारियों के साथ जरूरी कदम उठाए जाएं। पीठ ने आयोग को जरूरी उपाय लागू करने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए।

सभी प्रवेश केंद्रों पर मानवयुक्त निगरानी हो

सभी भागीदारों में समन्वय की कमी के बारे में पीठ ने कहा, यह CAQM की जिम्मेदारी है कि वह ग्रैप-4 के उपाय लागू करने के लिए सभी पक्षों के बीच तालमेल सुनिश्चित करे। इसके अलावा, दिल्ली में सभी प्रवेश केंद्रों पर मानवयुक्त निगरानी अनिवार्य करने के लिए कहा गया है।

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