Maha kumbh 2025 : 1 दिसम्बर 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए संगम के आस पास के क्षेत्र को महाकुम्भ 2025 को देखते हुए एक अस्थायी जिला बनाया गया है, जो कई मायनों में विश्व के कई देशों से बड़ा होगा। 2025 प्रयागराज में लगने वाले महाकुम्भ की प्रसिद्धि के चलते उत्तर प्रदेश में कुम्भ क्षेत्र में लगने वाली तम्बुओं की नगरी को प्रदेश का एक पृथक जिला घोषित किया गया है, ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां पर हर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इस बार महाकुम्भ मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसके अनुसार ही तीर्थराज प्रयागराज में सब तरह का प्रबंधन कार्य किया जा रहा है, इसी क्रम में महाकुम्भ नगर जिला घोषित किया जा चुका है।
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13 जनवरी से आरंभ होगा महाकुंभ
महाकुम्भ नगर का क्षेत्रफल लगभग 6000 हेक्टेयर होगा। 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच स्नान-दान कर पुण्य कमाने के लिए महाकुम्भ प्रयागराज में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आऐंगे। प्रयागराज कुम्भ पर्व असंख्य तम्बुओं और पण्डालों से निर्मित कुम्भ नगर नाम का नायाब शहर बसता है जिसमें न भाषाई पाबन्दियां हैं और न कोई जाति बंधन, न ही उंच-नीच का भेद-भाव। सभी श्रद्धालु चाहें वह साधु-संत हों या आम व खास नागरिक सभी एक साथ आस्था की डुबकी लगाएंगें, धर्म की बातें होंगीं, अध्यात्म की ज्योति जलेगी, देश-दुनिया की संस्कृतियों का मिलन होगा। भारतवर्ष में कुम्भ के इस महापर्व को लोक मंगल का पर्याय माना गया है। यह एक ऐसा अनोखा पर्व है, जिसमें लोभ, मोह, अहंकार, क्रोध आदि षड विकारों का त्याग कर करोड़ों लोग सम्मिलित होत हैं। कुम्भ का मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। बड़े गर्व की बात है कि युनेस्को ने कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की है।