डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
कब तक हो सकता है पूरा?
गाजियाबाद से कानपुर के बीच एक्सप्रेसवे के बनने के बाद दिल्ली-एनसीआर से यूपी के कई शहरों की पहुंच आसान हो जाएगी. इस एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.
मेरठ एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा
पहले इसको हापुड़ से कानपुर तक बनाया जाना था लेकिन इसमे बदलाव किया गया. एक्सप्रेस-वे से हापुड़ को जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबे कनेक्टर रोड का निर्माण किया जाएगा. इससे यह एक्सप्रेस-वे हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ जाएगा.
कहां से जुड़ेगा
इसका उत्तरी छोर NH-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाइवे) से जुड़ा होगा, जबकि दक्षिणी छोर 62.7 किमी लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्ट होगा.
5 घंटे में सफर
इस एक्सप्रेस के निर्माण होने के बाद गाजियाबाद से कानपुर पहुंचने में करीब 5.30 घंटे का ही समय लगेगा. कानपुर को इस एक्सप्रेस-वे के जरिए बाद में नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है.
जाम से छुटकारा
नई दिल्ली और इसके आसपास से कानपुर जाने के लिए जाम के झाम से भी छुटकारा मिलेगा. वहीं, दूसरी तरफ समय की भी बचत होगी.
4 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे शुरुआत में 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे बाद में 6 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे कनेक्ट
इसएक्सप्रेस की सबसे खास बात यह है कि यह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा. यहां औद्योगिक केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे.
9 जिलों से गुजरेगा
गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले इस एक्सप्रेस वे से 9 जिले जुड़ेंगे. इसमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर जिला शामिल हैं.
कम होगी दूरी
नए एक्सप्रेसवे का नाम गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे होगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दिल्ली-गाजियाबाद से न केवल कानपुर की दूरी कम हो जाएगी.