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नए गवर्नर के आते ही अर्थव्‍यवस्‍था और आम आदमी को मिली खुशखबरी! 2025 में होगा दोहरा फायदा

Sanjay Malhotra

Indian Economy : भारत की अर्थव्‍यवस्‍था आगे भी तेज गति से बढ़ती रहेगी, यह दावा ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में किया है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि 2025 में अर्थव्‍यवस्‍था में तेज गति के साथ आम आदमी को ब्‍याज दर में भी कटौती का लाभ मिलेगा.

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नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास का लंबा कार्यकाल अब समाप्‍त हो चुका है और उनकी जगह संजय मल्‍होत्रा ने ले ली है. नए गवर्नर मल्‍होत्रा के आने के साथ ही भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था और आम आमदी के लिए खुशखबरी भी आ रही है. हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2025 में भारत को दोहरे मोर्चे पर खुशी हो सकती है. एक तो उसकी विकास दर आगे भी तेज बनी रहेगी और दूसरी नए साल के शुरुआत में ही आम आदमी को ब्‍याज दर में कटौती का फायदा मिल सकता है.

साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2025 के लिए जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में ‘मजबूत वृद्धि’ के लिए तैयार है और महंगाई का दबाव कम होने पर आरबीआई मौद्रिक नीति में मामूली ढील भी दे सकता है. साख निर्धारण करने वाली एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2025 के लिए भारत के अपने परिदृश्य में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के वृद्धि दर अनुमान को 6.8 प्रतिशत और 2025-26 के लिए 6.9 प्रतिशत पर कायम रखा है.

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क्‍यों है भारत पर इतना भरोसा
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा, ‘मजबूत शहरी खपत, सेवा क्षेत्र में स्थिर वृद्धि तथा बुनियादी ढांचे में जारी निवेश के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है. हम उम्मीद करते हैं कि महंगाई का दबाव कम होने पर केंद्रीय बैंक 2025 के दौरान मौद्रिक नीति में मामूली ढील देगा और ब्‍याज दरों में कटौती करेगा.’

फरवरी में घट सकती है ब्‍याज दर
एसएंडपी ग्‍लोबल का कहना है कि पिछली 11 बार की एमपीसी बैठक में रेपो रेट नहीं घटाया गया, लेकिन फरवरी में होने वाली एमपीसी मीटिंग के दौरान ब्‍याज दरों में कटौती का तोहफा दिया जा सकता है. अब तो नए गवर्नर ने भी पद संभाल लिया है. जाहिर है कि वे जनता को सस्‍ते लोन का तोहफा देना चाहेंगे, जिसके लिए 0.25 फीसदी की कटौती रेपो रेट में की जा सकती है.

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आरबीआई ने घटाया था सीआरआर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले सप्ताह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था, हालांकि नगदी बढ़ाने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी. इससे बैंकों के पास करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त रिजर्व आ गया जिसका इस्‍तेमाल वे कर्ज बांटने में कर सकते हैं. भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.

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