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आप देरी से सीखे तो सीखे, मगर बच्चे को अभी से रटा दीजिए करोड़पति बनने का ये शर्तिया तरीका

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बच्चों को करोड़पति बनाने का शर्तिया तरीका है उन्हें बचपन से ही आर्थिक रूप से साक्षर बनाना. उन्हें बचत, बजटिंग, ब्याज दरों और निवेश के बारे में सिखाएं. अच्छे और बुरे कर्ज में अंतर समझाएं और पैसे के मुद्दे पर खुलकर बातचीत करें.

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यदि आपको सही समय पर पैसा मैनेज करने का तरीका पता होता, तो शायद आज आप करोड़पति होते. हालांकि इसमें आपका या किसी का भी दोष नहीं है. अभी तक हमारे समाज में लिट्रेसी (पढ़ा-लिखा होने) को ज्यादा महत्व दिया जाता रहा, और फाइनेंशियल लिट्रेसी की बात ही नहीं हुई. हमारा समय निकल चुका है या निकल रहा है. मगर बच्चों के सामने पूरा जीवन बाकी है. उनके पास काफी वक्त है. ऐसे में यदि आज आप अपने बच्चों को ही फाइनेंशियल लिट्रेट कर पाएं तो उनके लिए इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती. यदि वे समय पर पैसा मैनेज करना सीख गए तो जरूर वे करोड़ति बनेंगे.

अब सवाल आता है कि आखिर बच्चों को वित्तीय रूप से साक्षर बनाया कैसे जाए? शुरुआत कैसे की जाए? तो बता दें कि कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर आप शुरुआत कर सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जो आपके लिए हेल्पफुल साबित होंगे.

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बच्चों को पैसे का महत्व समझाने का पहला कदम: BASICS
बच्चों को पैसे का मैनेजमेंट सिखाने की शुरुआत BASICS (बजटिंग, अलाउंस, सेविंग्स, जरूरत और चाहत की पहचान, पैसे की गिनती और स्मार्ट खर्च) से करनी चाहिए. छोटे बच्चों को फाइनेंस की नॉलेज सिखाने की शुरुआत सिक्कों की पहचान और उनके वर्गीकरण से की जा सकती है. उन्हें सिक्के गिनना सिखाएं और उनकी पहचान करवाएं. इसके बाद, गुल्लक के जरिए बचत का महत्व समझाएं, जिससे वे छोटी-छोटी रकम को संभालने की आदत डाल सकें. बच्चों को छोटे-छोटे कामों के बदले पॉकेट मनी देकर कमाई की अहमियत समझाई जा सकती है. जब ये तमाम बुनियादी आदतें बन जाएं, तो उन्हें वित्तीय दुनिया के गहरे पहलुओं के बारे में जानकारी दी जा सकती है.

1. ब्याज दरें और उनका प्रभाव
ब्याज दरें कैसे आपके फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को प्रभावित करती हैं, यह सिखाना बेहद जरूरी है. साधारण उदाहरण के जरिए सिखाएं. आपको तीन जार तैयार करने हैं, जिन पर लिखा होगा, बचत, शेयर और लोन. बच्चों को थोड़े पैसे देकर उन्हें इन जार में डालने दें. समय-समय पर इन पर ब्याज दर लागू करें. जैसे, बचत पर ब्याज दर बढ़ने पर पैसा जोड़ें और लोन के लिए पैसा घटाएं. यह तरीका बच्चों को सिखाएगा कि कैसे ब्याज दरें अलग-अलग तरीके से हमारे फाइनेंस को प्रभावित करती हैं.

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2. अच्छा और बुरा कर्ज
आजकल युवा भारतीय अपने लाइफस्टाइल के लिए क्रेडिट का उपयोग बढ़ा रहे हैं. बच्चों को अच्छे और बुरे कर्ज के बीच अंतर सिखाने की जिम्मेदारी माता-पिता की है. इसके लिए आप क्रेडिट स्कोर गेम बना सकते हैं. बच्चों को 500 पॉइंट्स का बेस स्कोर दें. जब वे कोई समझदारी भरे खर्च (जैसे स्कूल संबंधी खरीद) करें तो पॉइन्ट्स जोड़ें, और जब वे फिजूल खर्च (जैसे वीडियो गेम) करें तो आप पॉइन्ट्स घटाएं. महीने के अंत में स्कोर को रिव्यू करें और अच्छे फैसलों के लिए पुरस्कार दें.

3. रिक्स, रिवार्ड और रिसर्च
सोशल मीडिया और पॉप कल्चर के प्रभाव को देखते हुए बच्चों को यह सिखाना बेहद जरूरी है कि किसी भी फाइनेंशियल फैसले से पहले रिसर्च करना कितना महत्वपूर्ण है. टीनएजर्स को आप यह सिखा सकते हैं कि किसी स्टॉक पर रिसर्च करने का तरीका क्या है. आप उन्हें कुछ पैसा देकर बाजार को समझने में मदद कर सकते हैं.

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छोटे बच्चों के लिए यह एक मजेदार तरीका हो सकता है कि आप उन्हें खजाना खोजने के खेल में शामिल करें. खजाने के लिए दो रास्तें दें- एक में रिस्क हो, और दूसरा सेफ हो. उन्होंने क्या फैसला लिया, उसी के आधार पर उनका ईनाम तय होना चाहिए. इसके अलावा, बच्चों के साथ पैसे के मुद्दे पर बातचीत करें. फाइनेंशियल क्राइस पर चर्चा करने से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे भविष्य में वित्तीय जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे.

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