बीते कुछ समय से खाद्य महंगाई लगातार खबरों में बनी हुई है। असम सरकार ऐसे मॉडल पर विचार कर रही है, जिसके तहत दाल और चीनी की कीमत बढ़ने पर इन उत्पादों को राशन कार्ड के तहत वितरित किया जाएगा।
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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने यह बात नए राशन कार्ड वितरण के पहले चरण की शुरुआत के दौरान कही है। पहले चरण के दौरान 49 नए परिसीमित विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। सीएम के अनुसार, इस चरण में लगभग 7 लाख लाभार्थियों को नए राशन कार्ड मिल रहे हैं। वहीं, 28 दिसंबर तक लगभग 18 से 19 नए लाभार्थियों को कवर किया जाएगा।
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सीएम के अनुसार, राशन कार्ड से आधार को लिंक किया गया है, जिससे राशन कार्ड धारकों को मेडिकल बीमा, सब्सिडी पर गैस का सिलेंडर जैसी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा। सीएम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य राशन कार्ड को एक परिवार के पहचान पत्र के रूप में विकसित करना है। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को आसानी से मिल सकेगा।
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सरमा के अनुसार, दाल और चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राशन कार्ड के माध्यम से वितरण कर मूल्य स्थिरीकरण में मदद मिलेगी। सीएम ने इसके लिए एक मंत्री को अन्य राज्यों का दौरा करने के लिए कहा है। ये ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने पहले ही इस नीति का लागू किया है। सीएम सरमा ने बताया कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, केरल और हिमाचल प्रदेश इस मॉडल का लागू कर चुके हैं।
इस दौरान सीएम सरमा ने केंद्र सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना’ पर कहा कि इसके तहत अगर कोई परिवार दो अलग-अलग स्थानों पर रहता है, तो राशन को किसी भी राज्य में आसानी से लिया जा सकता है।