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दुनिया

जाते-जाते बाइडेन ने उठाया खास कदम, भारत को होगा बड़ा फायदा

व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बताया कि जो बाइडेन प्रशासन जाते-जाते एक नेशनल सिक्योरिटी मेमोरेंडम को आखिरी रूप देने में लगा है. जो मिसाइल टेक्नोलोजी कंट्रोल रिजाइम (MTCR) को अपडेट करेगा. इस कदम को भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाने वाले कदमों में से एक के तौर पर देखा जा रहा है.

ये कदम अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और अमेरिकी कंपनियों के बीच ज्यादा सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा. डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइसर जॉन फाइनर ने मीडिया से कहा MTCR के तहत निर्यात नियंत्रण नीतियों को अपडेट करने का मकसद भारत जैसे करीबी भागीदारों के साथ कमर्शियल स्पेसकॉर्पोरेशनको बढ़ाना है.

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सहयोग में बाधाएं होंगी कम

प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाइनर ने कहा, “हम निजी क्षेत्र के सहयोग में बाधाओं को और कम करने के लिए कदम उठाना जारी रख रहे हैं और खास बात यह है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा ज्ञापन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं, जो मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) के तहत हमारी अपनी निर्यात नियंत्रण नीतियों में बदलाव करेगा.”

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क्या है MTCR?

जी-7 देशों की ओर से 1987 में बनाया गया MTCR 35 सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक राजनीतिक समझौता है, जो मिसाइलों और मिसाइल प्रौद्योगिकी के प्रसार को सीमित करने का प्रयास करता है.

भारत 2016 में MTCR में शामिल हुआ. इसको अपडेट करने का मतलब यह होगा कि अमेरिकी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने में कम बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, “फाइनर ने कहा कि भारत और अमेरिका न सिर्फ अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं, बल्कि अंतरिक्ष में सहकारी साझेदारी बनाने के लिए भी तेजी से साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा, “सरकार के तौर पर हमारा काम उद्योगों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करना है, जहां वे एक साथ मिलकर और बड़े पैमाने पर नवाचार कर सकें. यह लक्ष्य महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर पहल (ICET) के केंद्र में था, जिसे बिडेन प्रशासन ने जनवरी 2023 में लॉन्च किया था.”

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