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Champions Trophy पर ICC ने किया हाइब्रिड मॉडल का ऐलान, बदले में पाकिस्तान को मिला ये इनाम

चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर जिस फैसले का इंतजार था, वो सामने आ चुका है. कई बार के टकराव और बातचीत के बाद आखिरकार टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने पर आईसीसी की औपचारिक मुहर लग गई. आईसीसी ने गुरुवार 19 दिसंबर को ऐलान किया कि अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम के मुकाबले पाकिस्तान के बजाए किसी न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे, जिसकी मांग बीसीसीआई शुरू से ही कर रहा था. इसके बदले आईसीसी ने पाकिस्तान को एक नए टूर्नामेंट का इनाम भी दिया है, जो 2028 में खेला जाएगा. चैंपियंस ट्रॉफी का शेड्यूल भी अगले कुछ दिनों में जारी हो जाएगा.

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न्यूट्रल वेन्यू पर भारत के मुकाबले

आईसीसी के साथ हुए तमाम क्रिकेट बोर्ड्स की मीटिंग के बाद साफ हो गया था कि यह टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जाएगा. हालांकि, इसकी मेजबानी पूरी तरह से पाकिस्तान के पास ही रहेगी. आईसीसी ने अपने ऐलान में ये बताया कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के मुकाबले पाकिस्तान और न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे. हालांकि, न्यूट्रल वेन्यू कौन सा है, इसे लेकर आईसीसी ने कोई ऐलान नहीं किया लेकिन भारतीय बोर्ड की मांग दुबई में खेलने की रही है, ऐसे में टीम इंडिया के मुकाबले वहीं होने की उम्मीद है.

यानि बीसीसीआई ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और भारत की सरकार से अनुमति नहीं मिलने की बात कही थी, उसे आईसीसी ने मान लिया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने शुरुआत में अड़ियल रुख दिखाते हुए धमकाया था कि किसी भी कीमत पर वह हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार नहीं करेगा और ऐसा होने पर वह अपना नाम भी वापस ले सकता है. मगर लंबी चर्चा के बाद समाधान निकल गया है.

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बाकी टूर्नामेंट्स में भी होंगे न्यूट्रल वेन्यू

इस समाधान में एक और अहम बात है. आईसीसी ने ये भी साफ किया है कि सिर्फ चैंपियंस ट्रॉफी ही नहीं, बल्कि 2027 तक होने वाले हर टूर्नामेंट में यही व्यवस्था लागू रहेगी. इसके तहत भारत में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तानी टीम अपने मैच न्यूट्रल वेन्यू पर खेलेगी. भारत में 2025 में ही महिला वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है, जबकि 2026 में भारत और श्रीलंका की मेजबानी में मेंस टी20 वर्ल्ड कप आयोजित होना है. ऐसे में पाकिस्तानी टीम इन दोनों ही टूर्नामेंट के अपने मुकाबले भारत से बाहर खेलेगी. इसी तरह 2028 के लिए पाकिस्तान को महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी भी मिली है और इसमें भी न्यूट्रल वेन्यू की व्यवस्था जारी रहेगी.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

आईसीसी ने 3 साल पहले यानि नवंबर 2021 में पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी सौंपी थी. 1996 के बाद पहली बार पीसीबी को आईसीसी टूर्नामेंट की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद जनवरी 2022 में पाकिस्तान की सरकार ने इस्लामाबाद में नए स्टेडियम बनाने की अनुमति दे दी. फिर अप्रैल 2024 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने नए स्टेडियम के बजाय कराची, लाहौर और रावलपिंडी में पहले से मौजूद स्टेडियम में टूर्नामेंट को कराने का ऐलान किया और जुलाई में टूर्नामेंट के शेड्यूल का ड्राफ्ट कर दिया. इसके बाद आईसीसी ने अगस्त में टूर्नामेंट के लिए 65 मिलियन डॉलर का फंड जारी किया और अगले ही महीने पाकिस्तान ने स्टेडियम की मरम्मत का काम शुरू कर दिया.

अभी तक बीसीसीआई की ओर से कुछ नहीं कहा गया था. हालांकि, दोनों देशों के रिश्ते को देखते हुए विवाद का अंदाजा सभी को था और वही हुआ. जैसे-जैसे टूर्नामेंट नजदीक आता गया, ऐसी खबरें सामने आने लगीं कि बीसीसीआई ने आईसीसी को बता दिया है कि वह टीम इंडिया को पाकिस्तान नहीं भेजेगा. इस बीच दोनों देश के पूर्व क्रिकेटरों की ओर बयानबाजी चलती रही.

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नवंबर में गरमाया मुद्दा

लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी का मुद्दा नवंबर में गरमाया, जब बीसीसीआई ने आईसीसी को आधिकारिक रूप से टीम इंडिया को भेजने से मना करके हाइब्रिड मॉडल की मांग की. इसके तुरंत बाद पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने विरोध जताया और कहा कि किसी भी कीमत पर पीसीबी को यह स्वीकार्य नहीं है. इतना ही नहीं 10 नवंबर को पीसीबी ने पाकिस्तान सरकार से भी इस मुद्दे पर चर्चा की. वहीं 11 नवंबर को टूर्नामेंट के शेड्यूल की घोषणा होने वाली थी, जिसे आईसीसी ने कैंसिल कर दिया. इससे पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी और उसने आईसीसी से लिखित में टीम इंडिया के नहीं आने के वजह की मांग की.

इस दौरान ये खबरें भी सामने आईं कि पीसीबी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ कानूनी एक्शन लेने की सोच रहा है. हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. फिर 15 नवंबर को विवाद और भी गहरा गया जब पाकिस्तानी बोर्ड ने अचानक ट्रॉफी टूर की घोषणा कर दी जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के शहरों को भी शामिल कर दिया. लेकिन बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव जय शाह के विरोध के बाद आईसीसी ने सख्त कदम उठाया और 16 नवंबर को पाकिस्तान को इन शहरों को लिस्ट हटाना पड़ा. वहीं 27 नवंबर को एक रिपोर्ट सामने आई कि आईसीसी ने इस मसले को हल करने और आखिरी फैसले के लिए 29 नवंबर के दिन मीटिंग रखी है. यह मीटिंग सिर्फ 15-20 मिनट ही चली, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला और इसे अगले दिन के लिए टाल दिया गया और अब फैसला सुना दिया गया है.

बीसीसीआई की चिंता जायज

बीसीसीआई की चिंता जायज है, क्योंकि दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं. इसके अलावा पाकिस्तान में विदेशी क्रिकेट टीम पर हमलों का लंबा इतिहास रहा है. हाल ही में पाकिस्तान में प्रदर्शन के कारण तनावपूर्ण प्रदर्शन के बाद श्रीलंका ए की टीम को 3 मैचों की वनडे सीरीज बीच में ही छोड़कर वापस अपने देश लौटना पड़ा है.

वहीं 2009 में श्रीलंका की सीनियर टीम पर लाहौर में आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 8 लोगों की जान गई थी. इसके पहले कराची में 2002 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के होटल के बाहर आत्मघाती हमला हुआ थी, जिसमें 14 लोग मारे गए थे. इसके अलावा भी पहले ऐसे मामले देखे जा चुके हैं, जब विरोधी टीम को वापस लौटना पड़ा.

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