PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana: पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलती है और साथ ही घरों में सोलर पैनल लगवाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलेगी.
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) को लॉन्च किया था. ये सरकारी स्कीम खासी लोकप्रिय हो रही है और देश में इसके सब्सक्राइबर्स की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लॉन्च होने के एक साल के अंदर ही सोलर इंस्टॉलेशन का आंकड़ा पिछले एक दशक के हुए कुल इंस्टॉलेशन के करीब पहुंच गया है. बता दें कि इस योजना के तहत 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलती है और साथ ही घर की छत पर सोलर रूफटॉप लगवाने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है.
इस साल फरवरी में शुरूआत के बाद से प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 685,763 इंस्टॉलेशन किए गए हैं, जो पहले ही एक दशक में स्थापित किए गए इंस्टॉलेशन का 86 फीसदी है. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में सबसे ज्यादा मांग 3-5 किलोवॉट सेगमेंट की है, जो कुल इंस्टॉलेशन का 77 फीसदी है. वहीं, 14 फीसदी मांग 5 किलोवाट से ज्यादा के सेगमेंट की है.
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गुजरात में सबसे ज्यादा इंस्टॉलेशन
गुजरात में सबसे ज्यादा इंस्टॉलेशन हुए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल का स्थान है. इस पहल के तहत गुजरात में सबसे ज्यादा 2,86,545 सोलर इंस्टॉलेशन लगाए गए. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 1,26,344 और 53,423 सोलर इंस्टॉलेशन हुए हैं.
योजना के तहत 1.45 करोड़ रजिस्ट्रेशन
सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1.45 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं. इस स्कीम का मकसद मार्च 2027 तक एक करोड़ से ज्यादा घरों को सोलर पावर की सप्लाई देना है. इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वित्त वर्ष 2027 तक 75,021 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ आवासीय क्षेत्र में 1 करोड़ रूफटॉप सोलर पावर सिस्टम लगाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था. फिलहाल, जिन राज्यों में इंस्टॉलेशन की संख्या बढ़ रही है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं.
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सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की भी उम्मीद
एक करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ, इस कार्यक्रम से सरकार को बिजली की लागत में सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की भी उम्मीद है. सरकार इस योजना के लाभार्थियों को 40 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे रिन्यूएनबल एनर्जी अधिक सस्ती और सुलभ हो जाती है.