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मुकेश अंबानी बने अब इस कंपनी के भी बॉस, रिलायंस ने ₹3750000000 में खरीदा, क्‍या करती है?

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नई दिल्‍ली: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने 375 करोड़ रुपये में कारकिनोस को खरीद लिया है। यह कैंसर के इलाज पर केंद्रित हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म है। शनिवार को रिलायंस ने सौदे के बारे में जानकारी दी। रिलायंस की सहायक कंपनी आरएसबीवीएल ने यह सौदा पूरा किया। कारकिनोस कैंसर की शुरुआती पहचान और इलाज के लिए तकनीक-आधारित समाधान प्रदान करती है। इस अधिग्रहण से रिलायंस के हेल्थकेयर कारोबार का विस्तार होगा।कारकिनोस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड भी अब रिलायंस समूह का हिस्‍सा बन गई है। यह अधिग्रहण RSBVL ने किया है, जो रिलायंस की ही सब्सिडियरी है। इस सौदे की कीमत 375 करोड़ रुपये है। कारकिनोस ऐसी कंपनी है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का जल्द पता लगाने और उसके इलाज के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करती है। इस अधिग्रहण के बाद रिलायंस की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पकड़ और भी मजबूत होने की उम्मीद है।कारकिनोस की स्थापना 24 जुलाई, 2020 को हुई थी। यह कंपनी कैंसर की शुरुआती पहचान, निदान और प्रबंधन के लिए तकनीकी रूप से एडवांस और इनोवेटिव सॉल्‍यूशन प्रदान करने के काम में है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का कारोबार लगभग 22 करोड़ रुपये का रहा था। रिलायंस स्ट्रेटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड ने 27 दिसंबर, 2024 को कारकिनोस के 1 करोड़ इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे। इसकी कुल कीमत 10 करोड़ रुपये हुई। इसके साथ ही, कंपनी ने 365 करोड़ रुपये के 36.5 करोड़ फुली कन्‍वर्टिबल डिबेंचर भी खरीदे। इसके बाद कारकिनोस ने अपने पुराने शेयरधारकों के 30,075 इक्विटी शेयर कैंसिल कर दिए।

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पहले कौन रहा है इन्‍वेस्‍टर?

कारकिनोस के पहले के प्रमुख निवेशकों में टाटा संस की 100 फीसदी सहायक कंपनी एवर्ट इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड, रिलायंस डिजिटल हेल्थ लिमिटेड (रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी), मेयो क्लिनिक (यूएस), सुंदर रमन (रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स के निदेशक और 2008 से इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व सीओओ) और रवि कांत (टाटा मोटर्स के पूर्व एमडी) शामिल थे।

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कारक‍िनोस का नेटवर्क क‍ितना बड़ा?

कारकिनोस का टारगेट कैंसर का जल्द पता लगाने और उसका प्रभावी इलाज कम कीमत पर उपलब्ध कराना है। इसके लिए कंपनी ने लगभग 60 अस्पतालों के साथ साझेदारी की है। मणिपुर के इम्‍फाल में कंपनी अपनी एक सहायक कंपनी के जरिये 150 बिस्तरों वाला मल्टीस्पेशलिटी कैंसर अस्पताल भी स्थापित कर रही है। भविष्य में, कंपनी की आय के स्रोत एडवांस्ड कैंसर केयर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च (ACCDR), डिस्ट्रीब्यूटेड कैंसर केयर नेटवर्क (DCCN), कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए कॉर्पोरेट्स के साथ गठजोड़ और कैंसर केयर अस्पतालों से होने की उम्मीद है।इस अधिग्रहण को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई बेंच से मंजूरी मिली है। सौदे के लिए किसी अतिरिक्त सरकारी या नियामक अनुमोदन की जरूरत नहीं थी। इससे पहले, 10 दिसंबर को रिलायंस ने घोषणा की थी कि NCLT ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस के तहत RSBVL की ओर से कारकिनोस के लिए प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दे दी है।

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