नई दिल्ली. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई ऐप का संचालन करने वाली फोनपे और गूगलपे जैसी कंपनियों को राहत दी है. एनपीसीआई ने थर्ड पार्टी के यूपीआई पर बाजार सीमा 30 फीसदी लागू करने की डेडलाइन 2 साल यानी 31 दिसंबर, 2026 तक बढ़ा दी है. यह तीसरी बार है जब एनपीसीआई ने डेडलाइन बढ़ाई है.
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एनपीसीआई ने मंगलवार को जारी सर्कुलर में कहा, ‘‘अलग-अलग चीजों को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAP) के लिए मात्रा सीमा के कम्पलायंस की टाइमलाइन दो साल यानी दिसंबर, 2026 तक बढ़ा दी गई है. ये वे टीपीएपी हैं, जिनका बाजार सीमा से ज्यादा है.’’
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एनपीसीआई ने शुरू में नवंबर, 2020 में यूपीआई ऐप द्वारा प्रोसेस किए जा सकने वाले लेनदेन की मात्रा पर 30 फीसदी की सीमा का प्रस्ताव दिया था. इसके लिए मौजूदा एंटीटीज को 2 साल में मात्रा सीमा का पालन करने का समय दिया गया था. फिलहाल गूगल पे और फोन पे जैसे प्रमुख टीपीएपी की यूपीआई लेनदेन में 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है.
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एनपीसीआई के अनुसार, 30 फीसदी की कैप की गणना पिछले तीन महीनों के दौरान लगातार यूपीआई में प्रोसेस लेनदेन की कुल मात्रा के आधार पर की जाएगी. 30 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए उन प्लेयर्स को नए ग्राहकों को जोड़ना बंद करना होगा जिनके पास यूपीआई लेनदेन में 30 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है.
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क्या है यूपीआई
बता दें कि यूपीआई एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है, जो मोबाइल ऐप के जरिए बैंक अकाउंट में पैसे तुरंत ट्रांसफर कर सकता है. यूपीआई के जरिए आप एक बैंक अकाउंट को कई यूपीआई ऐप से लिंक कर सकते हैं. वहीं, अनेक बैंक अकाउंट को एक यूपीआई ऐप के जरिए संचालित कर सकते हैं. खास बात है कि यूपीआई आपको स्कैनर, मोबाइल नंबर, यूपीआई आईडी इन में से सिर्फ एक जानकारी होने पर भी पैसे ट्रांसफर की सुविधा देता है.