रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री ने बिजली पर GST को खत्म करने की मांग की है। ET NOW Swadesh के सहयोगी प्रकाश प्रियदर्शी ने इस विषय पर Exclusive जानकारी दी है। चलिए विस्तार से जानते हैं।
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इलेक्ट्रिसिटी पर GST को खत्म करने की मांग
ET NOW Swadesh के सहयोगी प्रकाश प्रियदर्शी ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के बारे में बताया कि रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री ने वित्त मंत्रालय से इलेक्ट्रिसिटी पर GST को Exempt करने की मांग की है। इंडस्ट्री ने कहा कि वर्तमान में बिजली पर 5% का जीएसटी लिया जाता है लेकिन इंडस्ट्री इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं ले पा रही है इसलिए इसमें Exemption देने की जरूरत है।
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इसके अलावा रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री ने इस बात की भी गुजारिश की है कि कोयले (Coal) और रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइसेस के ऊपर जो जीएसटी है उसमें रैशनलाइजेशन की जरूरत है। कोयले के ऊपर वर्तमान में 5% का जीएसटी है और रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइसेस के ऊपर 12% जीएसटी है।
रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री ने इस बात की मांग की है कि इन मुद्दों पर विचार किया जाए ताकी इस सेक्टर का विस्तार हो सके।
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जीएसटी काउंसिल लेगी अंतिम फैसला
इन मुद्दों पर फाइनल और अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल का होगा। लेकिन उससे पहले जरूरी यह है कि क्या वित्त मंत्रालय इन प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी देती है और इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल में पेश करती है।
इंडस्ट्री ने इस बात की भी मांग की है कि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए जो लेंडिंग की लिमिट है वो इस वक्त 30 करोड़ रुपए है। इंडस्ट्री ने इसे भी बढ़ाने की मांग की है।
जीएसटी काउंसिल में केंद्रीय वित्त मंत्री, राजस्व या वित्त के प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त या फाइनेंस के प्रभारी मंत्री या हर राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री और राज्य के राज्यपाल द्वारा नामित कोई भी व्यक्ति जहां भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत आपातकाल की घोषणा की गई हो, शामिल होते हैं।