टेलिकॉम कंपनियां जैसे एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल पिछले लंबे वक्त से बिना जरूरत लोगों को डेटा ऑफर कर रही थी। इसके बदले कंपनियां जमकर मोटी कमाई कर रही थी। लेकिन अब सरकार इस मामले में सख्त हो चुकी है। सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों से कॉलिंग ओनली प्लान लॉन्च करने के निर्देश दिये हैं। मतलब वो प्लान, जिसके साथ डेटा नहीं दिया जाएगा। ऐसे में उन यूजर्स का फायदा होगा, जो अपने रिचार्ज में केवल वॉइस कॉलिंग चाहते हैं। ऐसे यूजर्स से डेटा का पैसा जबरदस्ती नहीं लिया जा सकेगा। साथ ही वाई-फाई से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को डेटा प्लान लेने की जरूरत नहीं होगी।
ये भी पढ़ें:- तगड़े मुनाफे का इशारा दे रहा है Indo Farm Equipment IPO GMP, 7 जनवरी को BSE, NSE पर शेयर होंगे लिस्ट
ट्राई ने दिये स्पेशल टैरिफ लॉन्च के निर्देश
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी Trai ने टेलिकॉम कंपनियों से स्पेशल टैरिफ प्लान को पेश करने का निर्देश दिया है। इन स्पेशल टैरिफ प्लान में वॉइस कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा मिलेगी। ट्राई के इन प्लान से 2G यूजर्स को भी फायदा होगा, जिन्हें डेटा की जरूरत नहीं होती है। मौजूदा वक्त में ऐसे प्लान नहीं है, जिसमें डेटा नहीं दिया जा रहा हो।
ये भी पढ़ें:- IPO Alert : धमाकेदार होने वाला है आने वाला सप्ताह, कमाई कराने आएंगे 7 आईपीओ, कौन-सा कब होगा लॉन्च,जानें
90 से 365 दिनों की वैधता वाले लॉन्च होंगे प्लान
ट्राई चेयरमैन अनिल कुमार ने कहा कि डेटा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जरूरी है, लेकिन यूजर्स के साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। ट्राई चेयरमैन का कहना है कि यूजर्स को उन्हीं सर्विस का चार्ज देना चाहिए, जिसका वो इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मामले में हाल ही में ट्राई की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसके मुताबिक यूजर्स को स्पेशन टैरिफ वाउचर प्लान पेश करने चाहिए, जिसमें कॉलिंग और एसएमएस की सुविधा दी जा रही है। इन प्लान की वैधता 90 दिनों से 365 दिन रखा जा सकता है।
ये भी पढ़ें:- खुलते ही फुल हुआ यह IPO, 97 रुपये पहुंच गया GMP, 140 रुपये है शेयर का दाम
सरकार का नया पायलट प्रोजेक्ट
इस बीच ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने ऐलान किया है कि इस माह एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी है, जिससे कॉमर्शियल और प्रमोशनल मैसेज को ग्राहकों की सहमति के साथ अपने डिजिटल डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट करना होगा। मतलब प्रमोशनल और कॉमर्शियल मैसेज को पहचान की जा सकेगी।