मंत्रालय द्वारा आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी वाली कीमत पर रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं.
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देश में घरेलू एलपीजी कनेक्शन की संख्या बीते 10 सालों में (1 नवंबर, 2024 तक) दोगुनी से अधिक बढ़कर 32.83 करोड़ हो गई है, जो कि 2014 में 14.52 करोड़ थी. यह जानकारी पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दी गई. मंत्रालय द्वारा आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी वाली कीमत पर रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं.
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उज्जवला लाभार्थियों को मिलती है सब्सिडी
योजना की शुरुआत से लेकर अब तक पीएमयूवाई परिवारों को लगभग 222 करोड़ एलपीजी रिफिल दिए जा चुके हैं और प्रतिदिन लगभग 13 लाख रिफिल लिए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जा रही है. बयान में कहा गया कि सरकार के प्रयासों से उज्ज्वला परिवारों द्वारा एलपीजी की खपत में वृद्धि हुई है. 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की प्रति व्यक्ति खपत 2019-20 में 3.01 से बढ़कर 2023-24 में 3.95 हो गई है. अक्टूबर 2024 तक प्रति व्यक्ति खपत बढ़कर 4.34 हो गई है.
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एलपीजी वितरकों की संख्या में भी बढ़ोतरी
बयान में आगे कहा गया कि 2014 से अब तक एलपीजी वितरकों की संख्या 13,896 से बढ़कर 1 नवंबर 2024 तक 25,532 हो गई है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए रसोई गैस की उपलब्धता में वृद्धि हुई है. 90 प्रतिशत से अधिक नए वितरक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा देश में पिछले 10 वर्षों में नेचुरल गैस की पाइपलाइन नेटवर्क में भी बड़ा विस्तार हुआ है. 2024 में इसकी लंबाई बढ़कर 24,945 किलोमीटर की हो गई है, जो कि 2014 में 15,340 किलोमीटर थी.
इसके अलावा 10,805 किलोमीटर की नेचुरल गैस पाइपलाइन का निर्माण चल रहा है. इन पाइपलाइनों के पूरा होने से राष्ट्रीय गैस ग्रिड पूरा हो जाएगी और इससे भारत में सभी प्रमुख मांग और आपूर्ति केंद्रों जुड़ जाएंगे और सभी क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस की आसान उपलब्धता सुनिश्चित होगी.