अमेरिकी सेना ने आज कहा कि भारत जा रहा एक कच्चे तेल का टैंकर लाल सागर में यमन के हौथी विद्रोहियों द्वारा दागे गए ड्रोन की चपेट में आ गया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स पर लिखा, ”एम/वी साईबाबा में भारतीय सवार थे। इस हमले के बाद किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि जहाज ने एक अमेरिकी जहाज को एक इमरजेंसी कॉल भेजा।”
रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला कल रात लगभग 10:30 बजे के आसपास हुआ। इसके कुछ घंटों बाद भारतीय तट पर एक और टैंकर पर हमला हुआ, जिसके लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
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दो जहाजों ने दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहे अमेरिकी नौसैनिक जहाज को सूचित किया था कि उन पर हमला हो रहा है। अमेरिकी सेना ने कहा कि उनमें से एक पर नॉर्वेजियन का झंडा लगा था।
एक दूसरे जहाज एम/वी साईबाबा ने बताया कि उस पर एकतरफा हमला करने वाले ड्रोन ने हमला किया था। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अमेरिकी सेना ने कहा कि यूएसएस लैबून ने इन हमलों से संकटपूर्ण कॉल का जवाब दिया। आपको बता दें कि इन घटनाओं से पहले अमेरिकी विध्वंसक ने यमन के हौथी-नियंत्रित क्षेत्रों से आने वाले चार ड्रोनों को मार गिराया था।
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अरब सागर में पोत पर ड्रोन से हमला
इससे पहले, भारत के पश्चिमी तट के पास अरब सागर में 21 भारतीय चालक दल वाले एक व्यापारिक पोत पर शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया। विस्फोट के बाद पोत पर आग लग गई। सैन्य सूत्रों के अनुसार इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने घटना की सूचना दी। इसके बाद भारतीय नौसेना का पी-8आई समुद्री गश्ती विमान घटनास्थल की तरफ रवाना हो गया। बताया जा रहा है कि पोत सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मैंगलोर कच्चा तेल ला रहा था। पोत पर सवार चालक दल के 22 सदस्यों में से 21 भारतीय हैं।
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भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में भेजे गए एक समुद्री गश्ती विमान ने व्यापारिक जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और उसके साथ संपर्क स्थापित किया। इस दौरान विमान ने पोत और उसके चालक दल की सुरक्षा का पता लगाया। नौसेना ने मालवाहक जहाज की सुरक्षा के लिए पहले ही एक फ्रंटलाइन युद्धपोत भेज दिया है। पता चला है कि भारतीय तटरक्षक बल ने अपने जहाज आईसीजीएस विक्रम को पोत की मदद को भेज दिया गया। सैन्य सूत्रों ने कहा कि जहाज अब निकटतम बंदरगाह की ओर जा रहा है।