। Delhi Metro Service: मेट्रो की पुरानी ट्रेनों को भी अब नई ट्रेनों की तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक मंगु सिंह ने यमुना बैंक डिपो में नवीनीकृत पहली ट्रेन का अनावरण किया। डीएमआरसी ने प्रथम चरण में खरीदी गईं 70 ट्रेनों की दशा सुधारने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। अगले साल सितंबर तक इनमें से दस ट्रेनों के नवीनीकरण का काम पूरा हो जाएगा। इन पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मेट्रो प्रथम चरण (वर्ष 2002 से 2007) की ट्रेनों में द्वितीय व तृतीय चरण की ट्रेनों की तरह न तो मोबाइल व लैपटाप चार्जिंग की सुविधा है और न एलसीडी आधारित रूट मैप (स्टेशनों की जानकारी) व सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनकी तकनीक भी पुरानी हैं। वहीं, समय के साथ कोच की रंगत भी खराब होने लगी है, फर्श क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पेंटिंग भी उखड़ रही है। अब इनकी सूरत बदलने के साथ ही यात्रियों को नई ट्रेनों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कारपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल ने बताया कि एक मेट्रो ट्रेन की आयु 30 वर्षों की होती है। प्रथम चरण की मेट्रो ट्रेनों की आयु 15 से 19 वर्ष हो चुकी है। यमुना बैंक डिपो में पहली मेट्रो ट्रेन का दो माह में नवीनीकरण किया गया है। अगले वर्ष तक इस डिपो में छह औैर तथा शास्त्री पार्क डिपो में तीन ट्रेनों की दशा बदली जाएगी। 60 अन्य ट्रेनों के नवीनीकरण के लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है।
ट्रेन में किए गए बदलाव
- पहले प्रत्येक कोच में स्टिकर आधारित रूट मैप लगे हुए थे। अब इनमें से 50 फीसद को एलसीडी आधारित डायनमिक रूट मैप में बदल दिया गया है। इससे यात्रियों को स्टेशनों व अन्य जानकारी बेहतर तरीके से मिलेगी।
- यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ओवरहेड हाई टेंशन लाइन की निगरानी के लिए तथा चालक को प्लेटफार्म के पिछले छोर को देखने के लिए भी ट्रेन में कैमरे लगाए गए हैं।
- आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर डिटेक्शन उपकरण लगाए गए हैं।
- प्रत्येक कोच में मोबाइल व लैपटाप चार्ज करने के लिए दो सॉकेट दिए गए हैं।
- फर्श को मार्डन फाइबर कंपोजिट बोर्ड से बदला गया है।