Petrol Price : ग्लोबल मार्केट में कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोलियम कंपनियों को घाटा होना शुरू हो गया है. तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें डीजल पर प्रति लीटर 3 रुपये का घाटा हो रहा, जबकि पेट्रोल पर उनका मार्जिन भी घटकर आधा रह गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे कि शायद कीमतों में कुछ उछाल आ सकता है.
नई दिल्ली. आपके पास गाड़ी या बाइक है तो यह खबर आपके काम की है. बीते करीब डेढ़ साल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन अब बुरे संकेत आ रहे हैं. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है. सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें डीजल पर प्रति लीटर 3 रुपये का घाटा हो रहा है, जबकि पेट्रोल के मुनाफे में भी कमी आई है.
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पेट्रोलियम सेक्टर के बड़े अधिकारियों ने बताया कि पेट्रोल पर मुनाफे में कमी आने और डीजल पर घाटा होने से पेट्रोलियम विपणन कंपनियां खुदरा कीमतों में कटौती करने से परहेज कर रही हैं. दूसरी ओर, अप्रैल 2022 से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है. देश के 90 फीसदी तेल बाजार पर सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का कब्जा है. इन कंपनियों ने क्रूड के दाम बढ़ने या घटने पर भी तेल की खुदरा कीमतों में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं किया.
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85 फीसदी तेल का आयात
भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत आयात पर निर्भर है. जाहिर है कि ग्लोबल मार्केट में क्रूड महंगा होने का असर भारतीय बाजार पर भी होता है. पिछले साल के अंत में कच्चा तेल नरम हो गया था लेकिन जनवरी के दूसरे पखवाड़े में यह फिर से चढ़ गया. तेल उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ‘डीजल पर घाटा हो रहा है, जो अब लगभग 3 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है. इसके अलावा पेट्रोल पर मुनाफा मार्जिन भी कम होकर तीन-चार रुपये प्रति लीटर रह गया है, जो कुछ समय पहले तक 8 से 10 रुपये प्रति लीटर था.’
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क्या लगाए जा रहे कयास
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि तेल के दाम आगे बढ़ने की आशंका है. इससे पहले पेट्रोलियम कीमतों में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सरकार कीमतें तय नहीं करती है और तेल कंपनियां सभी आर्थिक पहलुओं पर विचार करके अपना निर्णय लेती हैं कंपनियां कह रही हैं कि अभी भी बाजार में अस्थिरता है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में तेल की कीमतों में कुछ उछाल आ सकता है.
10 रुपये सस्ता होने का था अनुमान
इससे पहले दिसंबर, 2023 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर सकती है. रिपोर्ट में कहा गया था कि तेल कंपनियों को चालू वित्तवर्ष की 3 तिमाहियों में करीब 28 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. इसका फायदा आम लोगों को पहुंचाने के लिए कीमतों में कटौती की जा सकती है.