शादी के बाद कितना कुछ बदल जाता है. हो सकता है बहुत सी चीजें पहले जैसी लगें, लेकिन जिंदगी काफी कुछ बदल जाती है. काफी कुछ होता है, जिसके लिए हम मानसिक तौर पर तैयार नहीं होते. इनमें से एक चीज है आपका फाइनेंस. डॉक्यूमेंट्स और फाइनेंस भी आप दोनों के लिए नई शुरुआत का एक संकेत होते हैं.
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यहां काफी कुछ बदलना होता है, नई आदतें, नए नजरिए. ऐसे में अगर आपको पहले से पता हो कि आपको जिंदगी की नई शुरुआत के साथ इस फ्रंट पर क्या-कुछ नया करना होगा या बदलाव का हिस्सा बनना होगा, तो आसानी हो जाती है. यहां कुछ चीजें बता रहे हैं, जो आपको शादी के बाद या तो बदलवानी होंगी, या फिर कुछ ऐसे नए तौर-तरीके अपनाने होंगे, जिससे कि जिंदगी आसान रहे और आप आर्थिक तौर पर सशक्त बन सकें.
1. डॉक्यूमेंट्स
शादी के बाद अगर कोई महिला अपने पति का सरनेम ले रही है, तो उसे अपने कई डॉक्यूमेंट्स में अपना सरनेम बदलवाना होगा. जैसे बैंक डॉक्यूमेंट्स, पासपोर्ट, आईडी कार्ड और ऐसे ही दूसरे दस्तावेजों में वैध तौर पर आपको अपना नया नाम रजिस्टर कराना होगा. आगे फाइनेंशियल डॉक्यूमेंटेशन में आपको इनकी जरूरत पड़ेगी.
2. भविष्य के लक्ष्य
शादी के बाद आप एक ही भविष्य साझा करेंगे. ऐसे में साझा लक्ष्य भी होंगे. जरूरी नहीं है कि आप अपने व्यक्तिगत अधिकार बांटें, या आपकी स्वतंत्र फैसले लेने की क्षमता प्रभावित हो, लेकिन शादी के बाद आपको फाइनेंशियल गोल पर जरूर चर्चा करनी चाहिए. इस बारे में सबका नजरिया अलग होगा. कुछ लोग पर्सनल फाइनेंस को अलग रखना पसंद रखते हैं, वहीं कुछ में कोई भेद नहीं होता, जो तेरा वो मेरा वाला. लेकिन एक परिवार के तौर पर आपका आने वाले सालों के लिए क्या लक्ष्य है, बचत, निवेश के बारे में क्या सोचना है, कर्ज को लेकर क्या स्थिति है, क्या सोच है. ये सब कुछ जानना जरूरी है. एक-दूसरे की फाइनेंशियल हिस्ट्री भी जाननी जरूरी है. क्रेडिट कार्ड हैबिट क्या है, इनसब की जानकारी लें.
3. लोन
शादी के बाद सपने भी बड़े होते हैं. साथ ही समय के साथ जरूरतें भी बड़ी होती हैं.
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कार लोन, होम लोन जैसी जरूरतें भी आती हैं. अच्छी बात है कि अब आप जॉइंट लोन ले सकते हैं, इसके साथ ही आपको ज्यादा बड़ा लोन भी मिल सकता है. बैंक आप दोनों के इनकम को मिलाकर आपका क्रेडिट देखेगा, जिसके हिसाब से आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं.
4. इंश्योरेंस
ये बहुत ही जरूरी है कि शादी के बाद आप अपने इंश्योरेंस प्लान को रिव्यू करें. आप अपने स्पाउज़ को अपना बेनेफिशियरी बना सकते हैं. या फिर आप ये भी कर सकते हैं कि आप एक नई पॉलिसी ले लें और एक-दूसरे को बेनेफिशियरी बना लें. साथ ही ये भी देखना होगा कि आपने अभी जो कवरेज ले रखा है, वो दोनों के लिए काफी है या नहीं. अगर हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो खर्चों को देखते हुए कवरेज बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है. इसके लिए या तो आप कवर अमाउंट बढ़ा सकते हैं या फिर फैमिली फ्लोटर प्लान ले सकते हैं.
5. इन्वेस्टमेंट
आप दोनों शादी के पहले कैसे और कितना निवेश करते थे, उसमें भी बदलाव आएगा. अब आप जॉइंटली निवेश करना चाहते हैं या फिर निवेश का नए माध्यमों में विस्तार करना चाहते हैं, ये सब भी आपको देखना होगा. आगे बच्चों की परवरिश और हायर एजुकेशन के लिए आप साथ में जॉइंट इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, इस तरह से आप दोनों का साझा योगदान होगा और जिम्मेदारी पूरी होगी.
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6. बजट
सबसे जरूरी है बजट पर दोनों का नजरिया मिलना. शादी के बाद पचास तरीके के खर्चे होंगे और आगे और भी खर्चे बढ़ेंगे ही, ऐसे में बजट की जरूरत को समझना जरूरी है. एक दूसरे की इनकम, सारे खर्चे मिलाकर आपको अपने लिए एक बजट तैयार करना होगा और देखना होगा कि आप इसे फॉलो करें.
इसके साथ एक इमरजेंसी फंड तैयार करने की सलाह भी दी जाती है. इससे आप दोनों शुरू से ही अचानक पड़ने वाली किसी भी स्थिति के लिए तैयार रह सकते हैं.