अमेजन इंडिया ने बताया कि वह 7 अप्रैल, 2024 से अधिकांश कैटेगरी और प्रोडक्ट्स के लिए अपने विक्रेता शुल्क में बदलाव कर रहा है. इससे प्लेटफ़ॉर्म पर बेचे जाने वाले कई प्रोडक्ट्स की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है.
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नई दिल्ली. अब अमेजन से ऑनलाइन शॉपिंग करना थोड़ा महंगा साबित हो सकता है. क्योंकि, कंपनी के एक फैसले ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. अमेजन इंडिया ने एक अधिसूचना में बताया कि वह 7 अप्रैल, 2024 से अधिकांश कैटेगरी और प्रोडक्ट्स के लिए अपने विक्रेता शुल्क में बदलाव कर रहा है इसलिए प्लेटफ़ॉर्म पर बेचे जाने वाले कई प्रोडक्ट्स की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है. कंपनी ने अधिसूचना में कहा है कि रिवाज्इड फीस स्ट्रक्चर कई कैटेगरीज पर लागू होगा. हालांकि, इस शुल्क वृद्धि में 18 प्रतिशत माल और सेवा कर (GST) शामिल नहीं है जो सेलर चार्ज पर लगाया जाएगा.
दरअसल एक सेलर वर्तमान में अमेजन को एक शुल्क का भुगतान करता है – जिसमें इन्वेंट्री स्ट्रोरेज, टेक्नोलॉजी, शिपिंग, रिटर्न और सेलर चार्ज से जुड़े शुल्क शामिल है.
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इस ब्रांड के प्रोडक्ट्स पर होगा ज्यादा असर
इस बारे में मनीकंट्रोल के पास विक्रेताओं को अमेजन द्वारा भेजी गई सूचना की कॉपी है. इसमें संशोधित सेलर शुल्क के बारे में विस्तार से बताया गया है. अमेजन के इस फैसले का मतलब यह भी हुआ कि मामाअर्थ, बोट समेत अन्य बड़ी कंपनियां, जो अमेज़ॅन जैसे ई-कॉमर्स मार्केट से अपनी बिक्री का बड़ा हिस्सा प्राप्त करती हैं, उन पर अधिक विक्रेता शुल्क लगाया जाएगा.
लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, अमेज़ॅन ने जीरो फीस फुलफिलमेंट पॉलिसी को भी हटा दिया है, जिसका मतलब है कि 30 अप्रैल, 2024 से प्रभावी 20,000 रुपये से अधिक कीमत वाले स्टैंडर्ड साइज के शिपमेंट के लिए वैट मैनेजमेंट शिपिंग चार्ज लिया जाएगा.
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बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में अमेजन एक बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है. भारत में अमेजन और फ्लिपकार्ट दो दिग्गज ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म हैं. ऐसे में अगर सेलर फीस बढ़ने के कारण अमेजन के प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स महंगे होते हैं तो करोड़ों ग्राहक इससे प्रभावित होंगे.