नई दिल्ली. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) की ओर से सेबी के विनियमों (SEBI Regulations) पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया.
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इस मौके पर उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने सुव्यवस्थित पूंजी बाजार के महत्व और आर्थिक विकास में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला. सेमिनार में सेबी के विनियमों, हालिया संशोधनों, अनुपालन चुनौतियों और निवेशकों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई.
मुख्य वक्ता, पीएचडीसीसीआई की कॉर्पोरेट मामलों की समिति के अध्यक्ष पीके रुस्तगी ने कहा कि “एक अच्छी तरह से विनियमित पूंजी बाजार सकारात्मक आर्थिक गतिविधियों के लिए एक सकारात्मक चक्र बनाता है. यह बड़ी पूंजी-गहन परियोजनाओं को स्थापित करने में मदद करता है, जो बदले में रोजगार सृजन में सहायक होता है.”
रुस्तगी ने आगे कहा कि “सेबी पूंजी बाजार को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भारतीय प्रतिभूति बाजार को विश्व के सर्वश्रेष्ठ बाजारों के समकक्ष बनाने के लिए सेबी की सराहना की जानी चाहिए।”
विशेषज्ञों ने एकमत से कहा कि एक मजबूत और पारदर्शी पूंजी बाजार निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है, जो घरेलू और विदेशी पूंजी प्रवाह को आकर्षित करने में मदद करता है। उन्होंने सरकार और सेबी से पूंजी बाजार को और मजबूत करने के लिए निरंतर सुधारों और पहलों की मांग की।
PHDCCI के इस सेमिनार में कई प्रमुख मुद्दों को उठाया गया, जिनके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे.
सुव्यवस्थित पूंजी बाजार और आर्थिक विकास
PHDCCI की कॉर्पोरेट मामलों की समिति के अध्यक्ष पीके रुस्तगी ने कहा कि एक सुव्यवस्थित पूंजी बाजार सकारात्मक आर्थिक गतिविधियों के लिए एक सकारात्मक चक्र बनाने में मदद करता है. यह बड़ी पूंजी-आधारित परियोजनाओं की स्थापना में मदद करता है, जिससे रोजगार सृजन होता है. उन्होंने सेबी की भारतीय प्रतिभूति बाजार को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाजारों के बराबर बनाने में भूमिका की सराहना की.
विनियामक ढांचे का सरलीकरण
रुस्तगी ने विनियामक ढांचे के सरलीकरण का आह्वान किया, जिसमें महत्वपूर्ण घटनाओं के प्रकटीकरण से संबंधित प्रावधान, स्टॉक एक्सचेंजों पर जुर्माना, संबंधित पक्ष लेनदेन से संबंधित प्रावधानों का अत्यधिक विनियमन शामिल हैं. उन्होंने सेबी से त्रैमासिक आधार पर परिपत्र जारी करने का भी आग्रह किया.
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निवेशकों की सुरक्षा पर फोकस
केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और हेड -पीपल, स्ट्रेटेजी और कॉर्पोरेट अफेयर्स, नितिन एट्रोली ने पूंजी बाजार में निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि 2047 तक एक विकसित देश बनने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विदेशी पूंजी पर निर्भर रहना होगा, जो एक अच्छी तरह से विनियमित भारतीय पूंजी बाजार से आएगी.
सेबी में हालिया संशोधन
सेमिनार में सेबी (सूचीबद्धता दायित्वों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं) विनियमों में हालिया संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें विनियमन 30 प्रकटीकरण, ऋण सूचीकरण विनियम, इनसाइडर ट्रेडिंग विनियम और अनुपालन चुनौतियां शामिल हैं.
न्यायिक निर्णय और केस स्टडीज
सेमिनार में सेबी LODR पर नवीनतम केस स्टडीज और महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णयों का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया. सेमिनार में उद्योग जगत के विशेषज्ञों, नियामकों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया और पूंजी बाजार के विकास और सुधार के लिए सुझाव दिए.
अन्य वक्ताओं में केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और हेड – पीपल, स्ट्रैटेजी एंड कॉर्पोरेट अफेयर्स, नितिन अत्रोली, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज (ICSI) के पूर्व अध्यक्ष मनीष गुप्ता, इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स के उपाध्यक्ष प्रदीप चतुर्वेदी, पीएचडीसीसीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ रंजीत मेहता, कौशल किशोर (चार्टर्ड एकाउंटेंट और पार्टनर, बीएसआर एंड कंपनी एलएलपी), ऋषि कपूर (पीएचडीसीसीआई की कॉर्पोरेट मामलों की समिति के सह-अध्यक्ष), मृदुल शर्मा (मेहता एंड मेहता की एसोसिएट पार्टनर) और लोकेश ध्यानी (एकोम लीगल के पार्टनर) शामिल थे.
सेमिनार का समापन पीएचडीसीसीआई की कॉर्पोरेट मामलों की समिति के सह-अध्यक्ष श्री संदीप डिनोदिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
सेमिनार के प्रमुख बिंदु
सुव्यवस्थित पूंजी बाजार आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए आवश्यक है.
निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए विनियामक ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाना महत्वपूर्ण है.
नियामकों और उद्योग जगत के बीच निरंतर संवाद और सहयोग, पूंजी बाजार के विकास के लिए आवश्यक है.
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सेमिनार में हुई चर्चाओं से यह स्पष्ट है कि सुव्यवस्थित पूंजी बाजार, आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है. यह निवेश को आकर्षित करने, रोजगार सृजन करने और अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, पूंजी बाजार को मजबूत और पारदर्शी बनाना आवश्यक है.