Heatwave Side effects: बढ़ते तापमान के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाना आवश्यक है. वरना 2050 तक स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो सकती है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें हार्ट डिजीज जैसी जानलेवा बीमारियां हैं.
एसी में दिनभर बैठने वालों के लिए गर्मी का बढ़ता स्तर भले ही ज्यादा गंभीर विषय ना हो. लेकिन लेकिन झुलसा देने वाली गर्मी से होने वाली मौतें वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बनती जा रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हीट स्ट्रोक के साथ ही पुरानी बीमारियां भी ज्यादा प्रभावी हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है.
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गर्मी से होने वाली मौतों के बढ़ते मामले
जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के विशेषज्ञों के अनुसार, 1991 से 2000 की तुलना में 2013 से 2022 के बीच गर्मी से होने वाली मौतों में 85% की वृद्धि हुई है. अगर इसी दर से धरती गर्म होती रही और तापमान बढ़ता रहा, तो अनुमान है कि 2050 तक दुनिया भर में गर्मी से होने वाली मौतों में करीब 370% की वृद्धि हो सकती है.
गर्मी स्वास्थ्य के लिए खतरा है- स्टडी
पश्चिमी अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, अगर गर्मी के मौसम में दैनिक सामान्य तापमान में 4.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो कार्डियोवस्कुलर यानी हार्ट अटैक के मामलों में 2.6% तक की वृद्धि हो सकती है.
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डॉक्टरों का कहना- डेटा अधूरा है!
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक, डॉ. दिलीप मावलंकर ने एक न्यूज पेपर से बात करते हुए बताया है कि भारत में जन्म और मृत्यु से संबंधित डेटा व्यवस्थित नहीं है, जिसके कारण गर्मी या सर्दी से होने वाली मौतों की सही संख्या का पता नहीं चल पाता है. उन्होंने कहा कि इन मौतों को अक्सर ‘अतिरिक्त मृत्यु’ के रूप में दर्ज किया जाता है, जिससे गर्मी से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या कम हो जाती है.
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गर्मी के प्रभाव से बचने का रास्ता
बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही दोपहर के समय घर से बाहर निकलें. गर्मी से बचने के लिए पंखे या कूलर का उपयोग करें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और त्वचा को गीला रखें, स्प्रे बोतल या नम स्पंज का उपयोग करें और ठंडा स्नान करें. इसके साथ ही हाइड्रेटेड रहें. अत्यधिक गर्मी के दिनों में, प्यास लगने से पहले पानी पीते रहें, खासकर अगर आप ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं. डाइट में ऐसे मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें. इसके अलावा ज्यादा मसालेदार और जंक फूड्स खाने से बचें.