POK: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में प्रदर्शनकारी भोजन, ईंधन और उपयोगी सामानों की बढ़ती कीमतों और क्षेत्र को प्रभावित करने वाली कई अन्य समस्याओं के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं. आइए इस खबर में जानते हैं बढ़ते विरोध के पीछे के असल कारण को.
नई दिल्ली: 10 मई से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सड़कों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए. इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. हालांकि PoK में बढ़ते विरोध ने पाकिस्तान की मुश्किलें खड़ी कर दी है. नई नवेली सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है.
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राशन, ईंधन और उपयोगी सामान की बढ़ती कीमतों के विरोध में में हड़ताल के दौरान क्षेत्र के व्यापारियों के नेतृत्व वाले संगठन, संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के लगभग 70 सदस्यों को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी. पाकिस्तान के आर्थिक संकट और उच्च मुद्रास्फीति के कारण वहां के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके आलावा भारत के साथ व्यापार बंद होने से व्यापारियों का एक वर्ग भी प्रभावित हुआ है.
PoK में विरोध प्रदर्शन
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बिजली और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के विरोध में व्यापारी शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए. अगस्त 2023 में भी ऊंचे बिजली बिलों के खिलाफ ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए थे. एक आम हड़ताल के कारण PoK की राजधानी और सबसे बड़े शहर मुजफ्फराबाद में सार्वजनिक परिवहन, दुकानें, बाजार और व्यवसाय बंद हो गया था.
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प्रदर्शन की एक वजह महंगाई भी
बढ़ती ऊर्जा लागत के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दो साल से अधिक समय से अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति और निराशाजनक आर्थिक विकास देख रही है. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2022 से उपभोक्ता मुद्रास्फीति 20% से ऊपर रही है और मई 2023 में 38% तक पहुंच गई है.
PoK के साथ भेदभाव का आरोप
PoK के नेता क्षेत्र में बिजली वितरण में इस्लामाबाद सरकार द्वारा कथित भेदभाव का विरोध कर रहे हैं. डॉन ने क्षेत्र के प्रमुख चौधरी अनवारुल हक द्वारा नीलम-झेलम परियोजना द्वारा उत्पादित 2,600 मेगावाट जलविद्युत का उचित हिस्सा नहीं मिलने की शिकायतों पर रिपोर्ट दी. चौधरी अनवारुल हक ने यह भी कहा है कि हालिया बजट में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए संसाधनों के उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था, और उन्हें भुगतान करने के लिए विकास निधि का उपयोग करने के लिए मजबूर किया गया था.
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भारत के साथ व्यापार में कमी
फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सूखे खजूर, सेंधा नमक, सीमेंट और जिप्सम जैसे पाकिस्तानी उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 200% करने के बाद पीओके में व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ. इसका परिणाम यह हुआ कि भारत में पाकिस्तान का निर्यात औसत से गिर गया. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में 45 मिलियन डॉलर प्रति माह से बढ़कर मार्च और जुलाई 2019 के बीच केवल 2.5 मिलियन डॉलर प्रति माह हो गया.