शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन माता लक्ष्मी और संतोषी की पूजा-उपासना करने का विधान है। मां लक्ष्मी को धन की भी देवी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूजा करने से साधक के जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इसके लिए शुक्रवार के दिन भक्तिभाव से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। साधक लक्ष्मी वैभव व्रत उपवास रख सकते हैं। अगर आप भी सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, तो शुक्रवार के दिन इस तरह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें। आइए जानते हैं-
मां लक्ष्मी को लाल रंग अति प्रिय है। अतः शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को लाल गुलाब अवश्य भेंट करें। इससे मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को मनचाहा वर प्रदान करती हैं।
-मां ममता का रूप हैं। अपने साधकों को त्वरित फल देते हैं। अतः माता को लाल रंग युक्त चूड़ी, चुनरी, श्रृंगार समाग्री अवश्य भेंट करें। इससे मां प्रसन्न होती है।
– मान्यता है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने हाथ में लाल रंग का फूल लेकर माता का ध्यान करें। सुमरन करने के बाद पुष्प माता के चरणों में भेंट कर दें। आप चाहे तो पुष्प को तिजोरी में रख सकते हैं।
शुक्रवार के दिन श्री लक्ष्मी नारायण पाठ करें और लक्ष्मी स्तुति भी करें। साथ ही माता रानी को खीर का भोग लगाएं।
-इन मंत्रों का जाप करें
1.
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,
धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
2.
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
3.
श्रियमुनिन्द्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम्॥
वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियाम्यहम्॥
सन्धया रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती॥
4.
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।