भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास फिलहाल इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) 4.95 फीसदी हिस्सेदारी है. एलआईसी को इंडसइंड बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से 2015 में दिए गए निर्देशों के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा. एलआईसी को इससे पहले कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में हिस्सेदारी बढ़ाने की मंजूरी मिली थी.
नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India – LIC) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India – RBI) की ओर से निजी क्षेत्र के कर्जदाता इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) में अपनी हिस्सेदारी दोगुनी करने की मंजूरी मिल गई है. इंडसइंड ने के मुताबिक, आरबीआई ने एलआईसी को बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाकर 9.99 फीसद करने की अनुमति दी है. फिलहाल इंडसइंड बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.95 फीसद है.
IndusInd Bank के शेयरों में उछाल
एलआईसी को मिली इस मंजूरी के बाद आज इंडसइंड बैंक के शेयर शुरुआती कारोबार के दौरान 1 फीसदी के उछाल के साथ 961 रुपये के स्तर पर पहुंच गए. पिछले कारोबारी दिन यानी 9 दिसंबर 2021 को बैंक का शेयर 946.30 रुपये पर बंद हुआ था. बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी सूचना में कहा कि एलआईसी को दी गई मंजूरी 8 दिसंबर 2022 तक मान्य होगी.
बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने पर क्या कहते हैं नियम?
रिजर्व बैंक ने एलआईसी को इससे पहले 29 नवंबर 2021 को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में हिस्सेदारी बढ़ाकर 9.99 प्रतिशत करने की मंजूरी दी थी. यह अनुमति भी एक साल के लिए मान्य है. आरबीआई के नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति या संस्था किसी निजी क्षेत्र के बैंक में 5 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी का खरीदना चाहती है तो उसे पहले केंद्रीय बैंक से अनुमति लेनी होगी.
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किन निर्देशों का LIC को करना होगा अनुपालन?
एलआईसी को इंडसइंड बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से 2015 में दिए गए निर्देशों के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा. साथ ही पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) के नियमों को भी पूरा करना होगा. IndusInd Bank ने कहा कि एलआईसी को दी गई अनुमति निजी क्षेत्र के बैंकों में वोटिंग अधिकार या शेयर्स के अधिग्रहण के लिए पूर्व अनुमति को लेकर 19 नवंबर 2015 को रिजर्व बैंक की ओर से दिए गए निर्देशों के तहत होगी.
आरबीआई ने 12 मई 2016 को निजी बैंकों में मालिकाना अधिकार को लेकर भी निर्देश दिए हैं. एलआईसी को उनका भी अनुपालन करना होगा. इसके अलावा बीमाकर्ता को सेबी, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA 1999) के प्रावधानों का भी अनुपालन करना होगा. बैंक ने बताया कि बैंक को दी गई ये मंजूरी एक साल के वैध होगी.