उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के आयुर्वेदिक चिकित्सक सिराज सिद्दीकी ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि घमौरिया को Prickly heat भी कहा जाता है. यह समस्या गर्मियों के दिनों में कई लोगों को होती है.
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हिना आज़मी/ देहरादून: भीषण गर्मी पड़ रही है और गर्मी के दिनों में छोटे बच्चों की त्वचा पर स्किन रैशेज और घमौरियां होना आम बात है. ऐसे में अगर आपके बच्चे को भी घमौरियां परेशान कर रही हैं, तो आप कुछ टिप्स अपनाकर उससे राहत दे सकते हैं. इसमें सबसे पहले आप बच्चे के मसालेदार कुरकुरे चिप्स को देना अवॉइड करें. क्योंकि इनमें ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं, जो स्किन के लिए एलर्जिक हो सकते हैं. इसके अलावा आप नीम के कुछ पत्ते, जामुन के बीज और करेले के छोटे टुकड़े करके उसे आधे घण्टे तक पकाइए और फिर आधा चम्मच लेकर पानी मे घोलकर बच्चे को दीजिए. इसके अलावा एक्सपर्ट कुछ टिप्स बताते हैं जिनसे घमौरियां दूर हो सकती हैं.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के आयुर्वेदिक चिकित्सक सिराज सिद्दीकी ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि घमौरिया को Prickly heat भी कहा जाता है. यह समस्या गर्मियों के दिनों में कई लोगों को होती है. इसका एक मुख्य कारण डिहाइड्रेशन है. पानी की कमी से टॉक्सिंस बढ़ जाते हैं और उभरने लगते हैं. इसमें बहुत खुजली भी होती है. कभी-कभी लोग अगर खुजाते हैं तो उसमें से खून भी निकलने लगता है. कई लोगों को यह दिक्कत ठंड में भी हो सकती है. तापमान परिवर्तन होने पर शरीर उसे एडजस्ट नहीं कर पाता है और उसके परिणाम स्वरूप इस तरह के दाने हो जाते हैं. कुछ लोगों में दवाइयां के साइड इफेक्ट के कारण यह हो सकता है. कुछ फूड में एलर्जी होती है, जिससे भी यह हो सकती है. ज्यादा नमक मिर्च खाने वाले लोगों को भी घमौरियां हो जाती है. इसलिए अपने बच्चों को ज्यादा मसालेदार भोजन न दें. नमक ज्यादा खाने से साल्ट कंसंट्रेशन बढ़ जाता है. जिससे इस तरह के दाने हो जाते हैं. इस तरह हरी और लाल मिर्च से भी यह दिक्कत हो सकती है.
ये नुस्खा दूर करेगा घमौरिया
डॉ सिराज सिद्दीकी बताते हैं कि घमौरिया से निजात पाने के लिए आप सबसे पहले करेले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और इसके बाद जामुन के कुछ गुठलियों और नीम के कुछ पत्तों को धोकर थोड़े से पानी में आधे घंटे तक उबाल लें. इसके बाद आधा कप पानी में आधा चम्मच इस सॉल्यूशन को मिलकर अपने बच्चों को दें. दिन में दो से तीन बार यह नुस्खा अपनाने से कुछ दिनों में ही इस परेशानी से निजात मिल जाएगी. करेला एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है, तो वही नीम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं.