निर्जला एकादशी 18 जून को मनाई जाएगी। इस दिन श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है। साथ ही घर में कभी धन-दौलत की कमी नहीं होती है। वहीं इस दिन कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है।
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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। यह ज्येष्ठ माह 18 जून, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं, उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है। साथ ही घर में कभी धन-दौलत की कमी नहीं होती है। वहीं, इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, तो चलिए जानते हैं।
निर्जला एकादशी शुभ योग
इस साल निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2024) पर 3 शुभ योग का निर्माण एक साथ हो रहा है। इस वजह से यह तिथि बेहद शुभ होने वाली है। दरअसल, इस दिन त्रिपुष्कर योग, शिव योग और स्वाति नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग 18 जून दोपहर 03 बजकर 56 मिनट से 19 जून सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
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साथ ही स्वाति नक्षत्र भोर से दोपहर 03 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शिव योग सुबह से लेकर रात्रि 09 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
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इन शुभ योग के बीच होगा पारण
निर्जला एकादशी का पारण 19 जून को सुबह होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ये तीनों शुभ योग 19 जून को शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन 20 जून को 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस दिन पारण करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होगी।