नवंबर 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक ने अनसिक्योर्ड लोन पर एक्शन लिया था। इस एक्शन के असर को लेकर आज आरबीआई गवर्नर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई के एक्शन के बाद Unsecured Lending की ग्रोथ धीमी हुई है। दास ने कहा कि अगर एक्शन नहीं लिया जाता तो बड़ी समस्या हो सकती थी।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governer Shaktikant Das) आज एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन में उन्होंने असुरक्षित ऋण पर हुई कार्रवाई को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर असुरक्षित ऋण पर कार्रवाई नहीं की जाती तो बड़ी समस्या हो सकती है।
इस समस्या से बचने के लिए आरबीआई ने पहले ही असुरक्षित ऋण पर कार्रवाई की थी। अब आरबीआई का एक्शन दिखाई दे रहा है। लोन मार्केट में अनसिक्योरड लोन में कमी आई है। आरबीआई के एक्शन से पहले अनसिक्योरड लोन में तेजी आई थी। अगर लोन मार्केट में कोई भी एक तरह के लोन में ज्यादा वृद्धि होती है तो यह समस्या खड़ी कर सकता है।
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RBI के एक्शन का कैसा है असर
आरबीआई के एक्शन के प्रभाव को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसका असर काफी अच्छा दिख रहा है। दास ने कहा कि अगर हम पहले ध्यान नहीं देते तो यह एक बड़ी समस्या बन सकती थी। ऐसे में अनसिक्योर्ड लोन को कम करने के लिए एक्शन लेना जरूरी है ताकि लोन ग्रोथ को धीमा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि मैं आरबीआई के फैसले से काफी संतुष्ट हूं, क्योंकि आरबीआई के एक्शन के बाद वास्तव में असुरक्षित लोन देने की वृद्धि में कमी आई है।
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दास ने बताया कि आरबीआई के एक्शन के बाद क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो (Credit-Card Portfolio) में 30 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत हुई। वहीं,गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) की लोन ग्रोथ 29 फीसदी से घटकर 18 प्रतिशत हो गई।
पिछले साल 16 नवंबर 2023 को आरबीआई ने एनबीएफसी को असुरक्षित ऋण और एक्सपोजर पर जोखिम भार बढ़ा दिया था। इसके अलावा बैंक ने आदेश दिया था कि बैंक को इस तरह के एसेट को अलग रखना होगा।