पहली तिमाही में अपने पीयर्स के मुकालबे खराब प्रदर्शन के चलते विप्रो के शेयर में जबरदस्त गिरावट आई है. निवेशकों के सामने दुविधा है कि वे रुकें या बेचकर घाटे लेकर निकल जाएं.
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नई दिल्ली. विप्रो के शेयर आज 8 फीसदी तक गिर गए हैं. 22 जुलाई को बाजार खुलते ही इस आईटी कंपनी के शेयरों पर मानो पहाड़ टूट पड़ा हो. BSE पर सुबह 10:55 बजे विप्रो का शेयर 8.14 फीसदी की गिरावट के साथ 511.60 पर ट्रेड हो रहा था. इस शेयर में पैसा लगाने वाले केवल एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि विप्रो के शेयर इतने ज्यादा क्यों गिरे हैं? यदि आपके मन में भी यही सवाल है तो हम आपको इसका जवाब बताते हैं.
बजट से एक दिन पहले विप्रो के शेयर में गिरावट का मुख्य कारण इसके तिमाही नतीजे हैं. नतीजे घोषित करने के बाद जैसे ही शेयर बाजार खुला, विप्रो के स्टॉक ने गैपडाउन ओपनिंग दिखाई. अब निवेशकों के मन में एक अहम सवाल यह भी है कि क्या उन्हें इस स्टॉक में निवेश के साथ बने रहना चाहिए या और गिर सकता, इसलिए बेचकर निकल जाना चाहिए?
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कितने बुरे हैं तिमाही नतीजे?
विप्रो (Wipro) ने जून 2024 में समाप्त वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के नतीजों में बताया कि कंपनी का रेवेन्यू घटकर 21,896 करोड़ रुपये रह गया है. पिछली तिमाही में यह 22,079.6 करोड़ रुपये था. पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में विप्रो का रेवेन्यू 22,831 करोड़ रुपये था. दोनों की तुलना करें तो यह 4 फीसदी की गिरावट है. कंपनी ने 3003 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट रिपोर्ट किया है. एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले विप्रो का मुनाफा 4.6 प्रतिशत बढ़ा है. विप्रो को पिछले साल की इसी तिमाही में 2,870 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था.
खास बात यह है कि इसकी पीयर्स कंपनियों ने अपने रेवेन्यू और आय में वृद्धि रिपोर्ट की है. टीसीएस और इंफोसिस ने विप्रो की तुलना में अच्छा रिजल्ट दिया है. पिछले 2-3 दिनों से इन दोनों कंपनियों के शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
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अब आगे क्या करना चाहिए?
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि नोमुरा (Nomura) ने विप्रो के शेयर के लिए बाय (खरीदो) की कॉल दी है, जबकि सिटी (Citi) ने इसे सेल (बेचने) की रेटिंग दी है. नोमुरा ने विप्रो के लिए 600 रुपये का टार्गेट प्राइस दिया है, जबकि सिटी ने कहा है कि इसका टार्गेट 495 रुपये होगा.
ब्रोकरज हाउसेज ने हालांकि यह कहा कि शुरुआती रिकवरी के चलते ग्राहकों की मांग में बढ़ोतरी से विप्रो के भविष्य के प्रदर्शन में सुधार हो सकता है. नुवामा ने कहा कि विप्रो को इंडस्ट्री की औसत वृद्धि तक पहुंचने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है. हालांकि, ब्रोकरज का मानना है कि विप्रो अपने पीयर्स से पीछे रहेगा, लेकिन इसकी कम कीमत और उच्च डिविडेंड यील्ड से जोखिम कम हो जाता है. नुवामा ने विप्रो पर ‘होल्ड’ रेटिंग बनाए रखी है. ब्रोकरज ने स्टॉक के लक्ष्य मूल्य को बढ़ाकर 530 रुपये (पहले 460 रुपये) कर दिया है, क्योंकि BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) सेगमेंट में बढ़ोतरी जारी है और कंज्यूमर बिजनेस बढ़ रहा है.