All for Joomla All for Webmasters
समाचार

दो हिस्सों में बंटेगा हैदराबाद? CM रेवंत रेड्डी का सनसनीखेज फैसला, क्या और कितना होगा असर?

Hyderabad Municipal Corporation: अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि यदि किसी गांव को बड़े नगर निगम में विलय के लिए चुना जाता है, तो पूरे गांव या विधानसभा क्षेत्र को निगम के अधिकार क्षेत्र में भी लाया जाना चाहिए.

हैदराबाद. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को हुई बैठक में एक अहम फैसला लिया. तेलंगाना सरकार ने मेडचल-मलकाजगिरी जिलों के कुछ गांवों को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) में विलय करने का फैसला किया है. इससे तो यही लगता है कि सरकार जीएचएमसी को दो निगमों में बांटने की कोशिश कर रही है. मेडचल-मलकाजगिरी जिले के अधिकांश हिस्से वर्तमान में जीएचएमसी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

ये भी पढ़ें:- HDFC Life: इरडा के रडार पर चढ़ी एचडीएफसी लाइफ, बीमा नियामक ने लगाया 2 करोड़ का जुर्माना

तेलंगाना सरकार ने मेडचल-मलकाजगिरी जिले के 23 गांवों को पास की नगर पालिकाओं और निगमों में मिलाने और फिर जीएचएमसी में उनका विलय करने का फैसला किया है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार नगर पालिकाओं, निगमों और टोर रिंग रोड (ओआरआर) तक के कुछ गांवों को बल्दिया के एक नगर निगम में विलय करने का निर्णय लेने जा रही है. खबर है कि सीएम रेवंत रेड्डी ने भी इसे हरी झंडी दे दी है.

ये भी पढ़ें:- बर्बाद Byjus से BCCI ने वसूले 50 करोड़ रुपये, 108 करोड़ और बाकी, कंपनी के लेनदारों की लंबी लिस्ट

ऐसा लगता है कि सरकार राजधानी की बाहरी रिंग रोड सीमा के भीतर 2,100 वर्ग किमी भूमि को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और ग्रेटर सिकंदराबाद नगर निगम में विभाजित करने के लिए बातचीत करने जा रही है. मुंबई शहर का विकास दो निगमों में विभाजित होने के कारण संभव हुआ है और सरकार का मानना ​​है कि अगर हैदराबाद को भी दो निगमों में विभाजित किया जाए, तो ही यह एक महानगरीय शहर के रूप में विकसित होगा. ऐसा लगता है कि इसी के मद्देनजर ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम को भी दो भागों में बांटने का फैसला लिया गया है.

ये भी पढ़ें:- NEET-UG 2024: ‘लीक का मामला केवल पटना और हजारीबाग तक सीमित,’ SC ने कहा- यह सिस्टमैटिक नाकामी नहीं

ओआरआर के भीतर जीएचएमसी के साथ 7 निगम, 20 नगर पालिकाएं और 33 ग्राम पंचायतें हैं. इनके अलावा कैंटोनमेंट बोर्ड और अन्य संस्थाएं भी हैं. नगरपालिका विभाग ने ओआरआर और जीएचएमसी के बाहर 10 अन्य पंचायतों को विलय करने का प्रस्ताव तैयार किया है. अगर बल्दिया का विस्तार आउटर तक होता है, तो हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) का दायरा और बढ़ जाएगा. ओआरआर के कुछ क्षेत्र पहले से ही एचएमडीए के अधीन हैं. बाद में, एचएमडीए को अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा. इससे एचएमडीए जोन की संख्या दोगुनी हो जाएगी.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top